चार राज्यों में बंपर जीत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखने लगी है. भाजपा दावा कर रही है कि जैसे 2017 के यूपी चुनाव के नतीजों के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुमत मिला था. ठीक ऐसे ही 2022 के यूपी चुनाव के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसका असर दिखाई देगा. लेकिन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भाजपा के इस दावे को खारिज कर दिया है. उन्होंने आजतक से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे लोकसभा चुनाव पर बिल्कुल भी असर नहीं डालते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं.
प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम यूपी का उदाहरण देखें तो 2012 में सपा ने राज्य के चुनाव में जीत हासिल की. बीजेपी चौथे नंबर की पार्टी रही. लेकिन 2014 में क्या हुआ, ये हम सभी को पता है. प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में 2017 और फिर 2019 के चुनाव का जिक्र किया. लेकिन यूपी के लोगों ने कभी भी लोकसभा चुनाव में उस तरह मतदान नहीं किया है, जैसे विधानसभा चुनाव में मतदान करते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि पीएम मोदी जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वह कोई भी करना चाहेगा. उन्होंने दमदार जीत दर्ज की है और जाहिर है कि वे इसे आगे गिनाना चाहेंगे, लेकिन राजनीति में 2 साल का वक्त काफी लंबा होता है.
टूर्नामेंट की तरह है भाजपा की जीत
चार राज्यों में भाजपा की जीत पर प्रशांत किशोर ने कहा कि यह एक टूर्नामेंट की तरह है, जहां उन्हें लीग मैच में जीत मिली है. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर आप फाइनल मैच में उसी टीम का सामना करते हैं, तो कमेंटेटर कह सकता है कि आपको फायदा मिल सकता है, क्योंकि आपने लीग मैच में टीम को हराया था. लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि आप उस टीम को फाइनल में हरा देंगे.
2014 के चुनावी रिजल्ट पर क्या बोले पीके?
प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि क्या जिस तरह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सत्ता को चुनौती दे रहे थे, इस तरह विपक्ष का कोई नेता भाजपा को चुनौती देने जा रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं 2012 में मिस्टर मोदी के साथ काम कर रहा था. सभी को 2011-12 में पता था कि मोदी देश जीतने जा रहे हैं.