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चीनी रक्षा मंत्री से राजनाथ की मीटिंग पर BJP MP ने ही उठाए सवाल, बोले- बड़ी गलती की

 स्वामी ने कहा है कि हमारे रक्षा मंत्री को चीनी रक्षा मंत्री से मिलने का फैसला अकेले नहीं करना चाहिए था. बीजेपी सांसद ने कहा है कि ये सामूहिक फैसला होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ये भारी गलती है. 

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मॉस्को में चीनी रक्षा मंत्री से मिले राजनाथ सिंह (फोटो-पीटीआई)
मॉस्को में चीनी रक्षा मंत्री से मिले राजनाथ सिंह (फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजनाथ की मुलाकात पर स्वामी के सवाल
  • 'मुलाकात का फैसला अकेले नहीं लेना चाहिए था'
  • 'चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात बड़ी गलती'

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे से भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मुलाकात को भारी गलती करार दिया है. 

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 स्वामी ने कहा है कि हमारे रक्षा मंत्री को चीनी रक्षा मंत्री से मिलने का फैसला अकेले नहीं करना चाहिए था. बीजेपी सांसद ने कहा है कि ये सामूहिक फैसला होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ये भारी गलती है. 

बता दें कि रूस की राजधानी मॉस्को में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शुक्रवार यानी 4 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे से लंबी बातचीत की. ये मुलाकात तकरीबन 2 घंटे 20 मिनट तक चली. इस मीटिंग में भारत और चीन के हालिया टकराव, पैंगोंग झील इलाके से चीनी सेना की वापसी समेत बॉर्डर पर हालात को सामान्य करने के मुद्दे पर बातचीत हुई. 

भारत ने इस बैठक में चीन को दो टूक कहा कि हमें बॉर्डर पर जिम्मेदारी का एहसास है, लेकिन अपनी सीमा और संप्रभुता रक्षा करने के हमारे संकल्प पर किसी को तनिक भी संदेह नहीं करना चाहिए. 

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मुलाकात भारी गलती 

हालांकि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि राजनाथ सिंह को चीनी विदेश मंत्री से अकेले मिलने का फैसला नहीं लेना चाहिए था. स्वामी ने कहा, "हमारे अच्छे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात करने को लेकर अकेले दम पर फैसला नहीं लेना चाहिए था, चाहे चीनी मंत्री उनसे मिलना क्यों न चाह रहे हों. ये एक सामूहिक फैसला होना चाहिए था. मेरी निजी राय है कि मैं अपने चीन के ज्ञान के आधार पर कह सकता हूं कि चीनी रक्षा मंत्री से मिलना भारी गलती थी."

पहले भी खड़े करते रहे हैं सवाल 

स्वामी पहले भी चीन के साथ भारतीय नेतृत्व की मुलाकात पर सवाल खड़े करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन के साथ बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं है. 29/30 अगस्त को लद्दाख में चीन के साथ टकराव पर स्वामी ने कहा था कि चीन ने भारत के लिए फैसला कर लिया है, दुख है कि सरकार को इसका एहसास नहीं है. हमें चीन को लेकर फैसला करना चाहिए. कठोर बनिए, मैं फिर कहता हूं, कठोर बनिए और टेबल पर मत बैठिए. 5 साल में शी जिनपिंग के साथ 18 बार बैठने के बाद चीन भारतीय नेताओं की कोई कद्र नहीं करता.


 

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