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SC ने बंगाल सरकार को भेजा नोटिस, बीजेपी नेताओं पर दर्ज केस पर मांगा जवाब

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद अर्जुन सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक भी लगाई.

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • SC ने बीजेपी नेताओं की गिरफ्तारी पर भी लगाई रोक
  • मुकुल रॉय, कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेताओं पर केस

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद अर्जुन सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक भी लगाई. कोर्ट ने सांसद अर्जुन सिंह से पूछा कि आपके खिलाफ कब से 64 केस फाइल किए गए?  

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बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने जबसे टीएमसी छोड़ी तबसे नवंबर 2020 के बीच फाइल हुई है. मैं सांसद हूं और मेरे खिलाफ दंगा भड़काने के मुकदमे दर्ज कराए गए जो राजनीति से प्रेरित हैं. कैलाश विजयवर्गीय की तरफ से कहा गया कि मैं मध्य प्रदेश से सांसद हूं. पार्टी पदाधिकारी हूं. जबसे पश्चिम बंगाल प्रचार के लिए जाने लगा उसके बाद मेरे खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने लगे.

दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह, सौरव सिंह,पवन कुमार सिंह, कबीर शंकर बोस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ दर्ज मामले को स्वतंत्र जांच एजेंसी को ट्रांसफर करने और राज्य से बाहर सुनवाई करने की मांग की है.

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याचिका में आरोप लगाया है कि राजनीतिक विद्वेष के चलते ममता बनर्जी सरकार ने उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किये हैं. सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने मार्च 2019 में टीएमसी छोड़ने के बाद नवंबर 2020 तक उनके  खिलाफ 64 मुकदमे दर्ज किए हैं.

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इन लोगों के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी और अन्य कार्रवाई नहीं करने की हिदायत दी गै. बीजेपी नेता कबीर बोस पर हुए हमले की जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में जमा करने का आदेश दिया.

 

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