जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पहली सरकार मिल गई है. उमर अब्दुल्ला की अगुवाई में केंद्र शासित जम्मू- कश्मीर को अपना पहला मुख्यमंत्री मिल गया है, पहली निर्वाचित सरकार मिल गई है. सीएम उमर के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इन पांच मंत्रियों की लिस्ट में सुरिंदर सिंह चौधरी का नाम भी शामिल हैं. सुरेंद्र चौधरी को उमर सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है. सुरेंद्र चौधरी को डिप्टी सीएम बनाकर उमर अब्दुल्ला ने कई निशाने साधे हैं.
1- कश्मीर घाटी और जम्मू रीजन का पावर बैलेंस
नेशनल कॉन्फ्रेंस एक जमाने में जम्मू और कश्मीर के हर रीजन में ठीक-ठाक प्रभाव रखती थी. 21वीं सदी में पार्टी की इमेज कश्मीर घाटी की पार्टी वाली हो गई थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस पर सत्ता में रहने पर जम्मू रीजन की उपेक्षा करने के आरोप लगते रहे हैं. उमर अब्दुल्ला सरकार के शपथग्रहण तक भी यह चर्चा का विषय बना हुआ था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस घाटी और जम्मू रीजन को कैसे बैलेंस करेगी. सरकार की कमान घाटी से आने वाले उमर अब्दुल्ला के पास है तो वहीं अब सरकार में नंबर दो यानि डिप्टी सीएम का ओहदा जम्मू रीजन से आने वाले सुरिंदर सिंह चौधरी को देकर पार्टी ने दोनों रीजन को बैलेंस करने की कोशिश की है.
2- हिंदू समुदाय को संदेश
सुरिंदर सिंह चौधरी को डिप्टी सीएम बनाकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हिंदू मतदाताओं को भी सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है. कश्मीर घाटी से हिंदुओं के पलायन के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस की हिंदू वोटबैंक पर पकड़ कमजोर पड़ती चली गई. 2014 के जम्मू कश्मीर चुनाव में बीजेपी के मजबूत उभार से पहले भी हिंदू बाहुल्य जम्मू रीजन में कांग्रेस और पैंथर्स पार्टी जैसे दल मजबूत प्रभाव रखते थे और नेशनल कॉन्फ्रेंस की मौजूदगी रीजन के पांच मुस्लिम बाहुल्य जिलों- राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन तक ही सीमित नजर आती थी. अब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू रीजन से दो मंत्रियों को उमर कैबिनेट में जगह दी है, सुरेंद्र चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया है तो यह हिंदू समाज में खिसकी जमीन वापस पाने की कोशिश से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
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3- रविंदर रैना को हराने का इनाम
सुरिंदर सिंह चौधरी ने विधानसभा चुनाव में राजौरी जिले की नौशेरा विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं. सुरेंद्र चौधरी ने नौशेरा सीट पर जम्मू कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंदर रैना को हराया था. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे को हराने का इनाम सुरिंदर सिंह चौधरी को डिप्टी सीएम की कुर्सी के रूप में मिला है. 2014 के जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में भी नौशेरा सीट की फाइट सुरिंदर सिंह चौधरी और रविंदर रैना के बीच ही हुई थी. तब दोनों नेताओं के बीच मारपीट भी हो गई थी. रविंदर रैना चोटिल भी हुए थे. तब जीत रविंदर रैना को मिली थी. इस बार सुरेंद्र चौधरी विजयी रहे हैं.
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ये नेता भी बने मंत्री
उमर अब्दुल्ला कैबिनेट में छंब सीट से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा को भी मंत्री बनाया गया है. छंब विधानसभा सीट भी जम्मू जिले में आती है. जम्मू जिले में 11 विधानसभा सीटें हैं और इनमें से 10 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीते हैं. जम्मू जिले से आने वाले इकलौते गैर बीजेपी विधायक को मंत्री बनाने के पीछे भी उमर अब्दुल्ला की सियासी आधार तैयार करने की रणनीति वजह बताई जा रही है. उमर अब्दुल्ला मंत्रिमंडल के अन्य चेहरों में सकीना येट्टू, जावेद डार और जावेद राणा शामिल हैं.