कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है, जिसपर कांग्रेस पार्टी के अंदर ही सवाल उठ रहे हैं. कार्ति चिदंबरम इसपर विचार करने की बात कर रहे हैं. वहीं कपिल सिब्बल ने युवा नेताओं के इस तरह कांग्रेस छोड़कर जाने पर सवाल उठाए हैं.
कार्ति चिदंबरम ने सुष्मिता देव के इस्तीफे पर लिखा, 'हमें इस बात पर गहन विचार करने की जरूरत है कि सुष्मिता देव जैसे लोग पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं. इसपर विचार करने से हटना नहीं चाहिए.' कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी कार्ति चिदंबरम वाली बात दोहराई. उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि नेता पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं. पार्टी को लम्बे वक्त वाले वफादारों और शॉर्ट टर्म वाले अवसरवादियों के बीच फर्क करना होगा.
वहीं कपिल सिब्बल ने लिखा, 'सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकत सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. जब युवा नेता छोड़कर जाते हैं तो हम 'बूढ़ों' को इसे मजबूत करने के हमारे प्रयासों के लिए दोषी ठहराया जाता है. पार्टी आगे बढ़ती रहती है. आंख अच्छी तरह बंद करके.'
Sushmita Dev
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 16, 2021
Resigns from primary membership of our Party
While young leaders leave we ‘oldies’ are blamed for our efforts to strengthen it
The Party moves on with :
Eyes Wide Shut
ममता बनर्जी की पार्टी में जा सकती हैं सुष्मिता देव
TMC सूत्रों के मुताबिक, सुष्मिता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं और जल्द ही कोलकाता पहुंच कर ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी से मिल सकती हैं. बता दें कि सुष्मिता देव असम बंगाल के बड़े नेता संतोष मोहन देव की बेटी हैं. सुष्मिता देव असम की सिल्चर सीट से सांसद भी चुनी गई थीं. सुष्मिता देव फिलहाल ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष थीं.
बीजेपी ने कहा - हमारी पार्टी में नहीं आएंगी सुष्मिता
TMC या सुष्मिता की तरफ से अभी कुछ साफ नहीं किया गया है, इस बीच उनके बीजेपी में जाने की भी अटकलें थीं. इसपर असम बीजेपी के महासचिव डॉक्टर राजदीप राय ने कहा है कि ऐसा नहीं है. वह बोले, 'सुष्मिता देव बीजेपी जॉइन नहीं कर रही हैं. वह हमारे किसी सीनियर नेता के संपर्क में नहीं हैं.'
वहीं कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने सुष्मिता देव से अपने फैसले पर फिर विचार करने की गुजारिश की है. उन्होंने कहा, 'सुष्मिता देव एक समर्पित कांग्रेस नेता थीं. नहीं सोचा था कि वह ऐसा फैसला लेंगी. हम लोग परिवार की तरह थे. अगर उन्हें कोई दिक्कत थी तो बात करनी चाहिए थी. मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि अपने फैसले पर विचार करें.'
सुष्मिता देव के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मैंने सुष्मिता देव से बात करने की कोशिश की है. वो हमारी प्रतिभाशाली मित्र थीं और हैं. उनका कोई पत्र सोनिया जी को नहीं मिला है. हम उनके उज्ज्वल भविष्य की मनोकामना करते हैं. अभी उनसे बात नहीं हो पाई है.'
वहीं मनीष तिवारी ने लिखा, 'अगर यह सच है तो दुर्भाग्यपूर्ण है. सुष्मिता देव ऐसा क्यों किया? आपके पुराने सहयोगी और दोस्त खासकर जो 1991 में उस वक्त NSUI के अध्यक्ष थे जब आपने पहला डूसू चुनाव लड़ा था उनको इस पत्र की जगह बेहतर व्याख्या की उम्मीद है.'