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'सांसदों का निलंबन सत्ता का मनमाना प्रयोग', पूर्व कानून मंत्री बोले- लोकतंत्र में जवाबदेही महत्वपूर्ण

पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमारन ने अपनी पुस्तक "ए डेमोक्रेसी इन रिट्रीट: रीविजिटिंग द एंड्स ऑफ पावर" के लॉन्च पर कहा कि सांसदों का निष्कासन लोकतंत्र में सत्ता के मनमाने प्रयोग का सबसे बड़ा उदाहरण है. आप किसी संस्था के नियमों और शक्ति के पीछे छिप सकते हैं, लेकिन लोकतंत्र सत्ता के सौम्य प्रयोग पर आधारित है.

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पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार
पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार

पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने संसद से विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि संसद से 143 विपक्षी सांसदों का निलंबन लोकतंत्र में सत्ता के मनमाने प्रयोग का एक उदाहरण है. 

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अपनी पुस्तक "ए डेमोक्रेसी इन रिट्रीट: रीविजिटिंग द एंड्स ऑफ पावर" के लॉन्च पर उन्होंने कहा कि सांसदों का निष्कासन लोकतंत्र में सत्ता के मनमाने प्रयोग का सबसे बड़ा उदाहरण है. आप किसी संस्था के नियमों और शक्ति के पीछे छिप सकते हैं, लेकिन लोकतंत्र सत्ता के सौम्य प्रयोग पर आधारित है.

उन्होंने कहा, "सत्ता को वैध बनाने का तरीका उसके इस्तेमाल का तरीका है. चाहे किसी ने वास्तविकता को स्वीकार किया हो या नहीं, हम सिर्फ बहुसंख्यकवादी लोकतंत्र नहीं हैं, बल्कि एक संवैधानिक लोकतंत्र हैं. लोकतंत्र में जवाबदेही महत्वपूर्ण है और यह किसी व्यक्ति के प्रति नहीं, बल्कि संविधान की भावना के प्रति है."

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र अंततः जन लामबंदी द्वारा लोगों के दावे में ही सुरक्षित है, जिसके लिए ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो खुद से ऊपर उठ सकें. विपक्ष को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन वह हर समय निर्णय की नैतिक श्रेष्ठता का दावा नहीं कर सकता. लोकतंत्र संयमित राजनीति के बारे में है. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप साजिश को गलत समझेंगे. देश 2024 में वैकल्पिक परिदृश्य तलाश रहा है, जो नेतृत्व की चुनौती है.

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इस कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी, राज्यसभा सांसद मनोज झा और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर भी शामिल हुए.

पूर्व राष्ट्रपति अंसारी ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया भर में अधिनायकवाद बढ़ रहा है. पिछले छह वर्षों में, अधिनायकवाद की ओर बढ़ने वाले देशों की संख्या दोगुनी हो गई है. मूल्यांकन किए गए 173 देशों में से लगभग आधे देशों में लोकतंत्र के कम से कम एक मीट्रिक में गिरावट का अनुभव हो रहा है."

वहीं निलंबित सांसदों में से एक मनोज झा ने कहा कि लोकतंत्र कोई तैयार उत्पाद नहीं है, और उन्होंने भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि संवैधानिक नैतिकता भारत में प्राकृतिक भावना नहीं है. अंबेडकर ने कहा था कि लोकतंत्र भारत के लिए एक शीर्ष ड्रेसिंग है. लोकतंत्र का विकास नहीं हुआ है.

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