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'ये पसमांदा मुसलमानों के लिए प्यार है,' कर्नाटक में आरक्षण हटाए जाने पर ओवैसी का PM मोदी पर तंज

कर्नाटक में आरक्षण को लेकर राजनीति तेज हो गई है. राज्य सरकार के आरक्षण हटाए जाने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और मुस्लिम वक्फ बोर्ड ने सरकार पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों की शिक्षा, रोजगार और प्रगति टारगेट पर है. वहीं, वक्फ बोर्ड ने कहा कि मुसलमानों का आरक्षण हटाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है.

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AIMIM असदुद्दीन ओवैसी. (फाइल फोटो)
AIMIM असदुद्दीन ओवैसी. (फाइल फोटो)

कर्नाटक में मुस्लिमों के आरक्षण को लेकर सियासत तेज हो गई है.  AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने शिक्षा और नौकरियों में गरीब मुसलमानों के लिए आरक्षण हटा दिया है. यह नरेंद्र मोदी की मुस्लिमों तक पहुंच बढ़ाने और पसमांदा मुसलमानों के लिए प्यार है. चाहे वह हिजाब हो या आरक्षण. मुस्लिमों की शिक्षा, रोजगार और प्रगति टारगेट पर है. इसी तरह, वक्फ बोर्ड ने भी सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई है. बोर्ड ने आरोप लगाया है कि बसवराज बोम्मई की सरकार ने यह कदम वोटों के ध्रुवीकरण को ध्यान में रखते हुए उठाया है.

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बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की सरकार ने बड़ा दांव खेला है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने मुसलमानों के लिए आवंटित 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही राज्य के आरक्षण कोटा में बड़े बदलाव किए हैं. अब एससी को 17% आरक्षण दिया जाएगा. लिंगायत-वोक्कालिगा समुदाय के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी की गई है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में बोम्मई सरकार ने आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत कर दिया है. 

'जो मुसलमानों के साथ हो रहा है, उस पर आपत्ति है'

इधर, वक्फ बोर्ड मुसलमानों के लिए नए EWS आरक्षण से नाखुश देखा जा रहा है. वक्फ बोर्ड ने सरकार से 2B श्रेणी में वापस रखने और 4% आरक्षण दिए जाने की मांग रखी है. वक्त बोर्ड सदस्य ने कहा कि हमें भाजपा सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. हम 2B श्रेणी के तहत 4% आरक्षण को वापस लाने की मांग करते हैं. वे मुसलमानों का आरक्षण हटाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं. अन्य जातियों के लिए आरक्षण से हमें कोई आपत्ति नहीं है. मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, उससे हम खुश नहीं हैं.

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'राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे, सड़कों पर उतरेंगे'

2B के तहत, यह विशेष रूप से हमारे लिए था. अब हमें EWS में रख दिया गया है, जिसकी वजह से मुसलमानों को अन्य सभी समुदायों जैसे ब्राह्मण, व्यास, जैन, आदि के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी. हम 2B आरक्षण वापस चाहते हैं. इस संबंध में राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे. मैं कांग्रेस और जेडीएस से अपील करता हूं- आप सेक्युलरिज्म के नाम पर हमारा वोट लीजिए. सरकार चाहती है कि हम गरीब ही रहें. कल हम सड़कों पर उतरेंगे, विधानसभा के सामने आवाज उठाएंगे. हम तब तक शांत नहीं रहेंगे जब तक हम वापस 2B श्रेणी नहीं दे दी जाती.

बोम्मई सरकार ने क्या निर्णय लिया...

शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम बोम्मई ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों का कोटा समाप्त कर दिया गया है. आगे बिना किसी बदलाव के ईडब्ल्यूएस ग्रुप के 10 प्रतिशत पूल में शामिल किया जाएगा. सरकार ने मुसलमानों के लिए 4 फीसदी ओबीसी आरक्षण को खत्म करने का फैसला किया है. उन्हें अब 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में ले जाया जाएगा. नए फेरबदल के साथ अब मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ मिलेगा, जिसमें ब्राह्मण, वैश्य, मुदलियार, जैन और अन्य समाज शामिल हैं.

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 बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला ईडब्ल्यूएस कोटा 10 फीसदी है. अब ये नई सिफारिशें राज्य द्वारा केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी. केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही लागू कर दी जाएंगी. 

एससी समुदाय का आरक्षण भी बढ़ाया गया 

सरकार ने यह भी फैसला किया है कि मुसलमानों का 4 प्रतिशत कोटा अब वोक्कालिगा (2 प्रतिशत) और लिंगायत (2 प्रतिशत) को दिया जाएगा, जिनके लिए पिछले साल बेलगावी विधानसभा सत्र के दौरान 2C और 2D की दो नई आरक्षण श्रेणियां बनाई गई थीं. इसके अतिरिक्त, कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षण 15 से 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 3 से 7 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है. सरकार के मुताबिक, चार फीसदी (अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण) को 2C और 2D के बीच दो हिस्सों में बांटा जाएगा. वोक्कालिगा और अन्य के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बढ़कर छह प्रतिशत हो जाएगा और वीरशैव पंचमसाली और अन्य (लिंगायत), जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, उन्हें अब सात प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.

 

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