तृणमूल कांग्रेस ने असम की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि असम सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और उनसे जुड़े लोगों ने 'PPE किट घोटाले' किया है. उन्होंने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाए जाने की मांग की है.
सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि हमारे सामने अखबारों में ऐसे विज्ञापन आए हैं जो यह दिखाते हैं कि असम में बीजेपी के शासन में पिछले 8 वर्षों में तेजी से विकास हुआ है. इस समय असम भीषण बाढ़ से प्रभावित है. लोग परेशान हैं और जीवन-यापन के लिए बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.
उन्होंने कहा कि असम में 2020 में कोरोना महामारी के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति पर आरटीआई की चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं. कई अखबारों की रिपोर्टस और जांच के अनुसार, असम के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के करीबी रिश्तेदारों की संलिप्तता में कथित तौर पर एक बड़ा घोटाला किया गया है.
उन्होंने कहा कि सामने आया है कि मार्च-अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी फैलना शुरू हुआ था. तब असम में 2200 रुपए प्रति पीस की दर से पीपीई किट खरीदी गई. जबकि खुले बाजार में तब उसी पीपीई किट की कीमत 600-700 रुपए थी. एजायल एसोसिएट से कुल 10,000 पीपीई किट को 2,200 रुपये प्रति पीस की दर से खरीदा गया. इसमें एजाइल एसोसिएट्स और मेडिटाइम हेल्थकेयर नाम की दो कंपनियां शामिल थीं और असम के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री की पत्नी और बेटे की हिस्सेदारी शामिल थी.
उन्होंने बताया कि मेडिटाइम हेल्थकेयर को पीपीई किट की आपूर्ति के लिए 4 करोड़ 20 लाख रुपये के ऑर्डर मिले. दूसरी ओर एजाइल एसोसिएट्स को इसके लिए 2,20,50,000 रुपये के ऑर्डर मिले. आरटीआई के तहत सवालों के जवाब में ये जानकारी सामने आई है. विभाग की तरफ से खरीद के संबंध में दस्तावेजों में ये तथ्य सामने आए. टीएमसी ने कहा कि ये एक गंभीर मामला है. इसकी स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए. हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन करने की मांग करती है, ताकि वास्तविकता का पता लगाया जा सके.