त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ दिया. वहीं त्रिपुरा के नए सीएम का चेहरा भी तय कर लिया गया है. डॉ. माणिक साहा अगले सीएम होंगे. देर शाम विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद माणिक साहा बीजेपी प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया.
भूपेंद्र यादव, विनोद तावड़े बने पर्यवेक्षक
सूचना है कि बिप्लब देब को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. बिप्लब देब ने माणिक साहा को त्रिपुरा बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने की बधाई दी.वहीं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को त्रिपुरा में पर्यवेक्षक बनाया गया है.
आलाकमान के कहने पर छोड़ा पद
बिप्लब देब मीडिया से कहा कि उनके लिए पार्टी का फैसला सर्वोपरि है. आलाकमान के कहने पर उन्होंने अपना पद छोड़ दिया है. मेरे जैसे कार्यकर्ता को संगठन के लिए काम करने की जरूरत है. हालांकि उन्होंने नया सीएम कौन होगा, इस सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया है.
बीजेपी को फिर सत्ता में लाना प्राथमिकता
बिप्लब देब ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता बीजेपी को फिर से सत्ता में लाना है. हमें त्रिपुरा में लंबे समय तक भाजपा को सत्ता में बनाए रखने की जरूरत है. जब तक हमारे पास एक मजबूत संगठन है. हम सरकार में हैं और यह सबसे महत्वपूर्ण है.
बिप्लब कुमार देब ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में त्रिपुरा की सेवा करने की जिम्मेदारी देने पर मैं केंद्रीय नेतृत्व और त्रिपुरा के लोगों को धन्यवाद देता हूं. मैंने दिल से राज्य की सेवा की है और हमेशा राज्य की बेहतरी के लिए काम करता रहूंगा.
बिप्लब देब को लेकर संगठन में थी नाराजगी
बिप्लब देब को लेकर संगठन में नाराजगी बढ़ रही थी. दो विधायकों ने पार्टी भी छोड़ दी थी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा उनके खिलाफ लगातार दिल्ली में शिकायतें की जा रही थीं. वहीं बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी.
2018 में बने थे सीएम, 2023 में होने हैं चुनाव
बिप्लव देब 2018 में सीएम बने थे. अगले साल त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अगले साल 2023 में राज्य में चुनाव होने हैं. गुजरात की तर्ज पर त्रिपुरा में मंत्री से लेकर संगठन तक में बड़े फेरबदल हो सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा ने पार्टी को मजबूत करने के लिए नये चेहरे को राज्य की कमान सौंपने का फैसला लिया है.