दिल्ली के उप-राज्यपाल कार्यालय ने एक नोट जारी किया है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने कैग (CAG) रिपोर्ट को सचिवालय में प्रस्तुत किया है. इसके अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय के संभावित विपरीत आदेश के डर से दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने जल्दबाजी में लंबे समय से लंबित कैग रिपोर्ट उप-राज्यपाल को सौंपने का निर्णय लिया. इन रिपोर्ट्स को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए उप-राज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता होती है, ताकि इन्हें सार्वजनिक किया जा सके.
नोट में कहा गया है कि उल्लेखनीय है कि इन 14 लंबित कैग रिपोर्ट्स में से 11 रिपोर्ट्स उस समय की हैं, जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. इन रिपोर्ट्स में दिल्ली परिवहन निगम (DTC), सार्वजनिक स्वास्थ्य और मोहल्ला क्लीनिक, राज्य पीएसयूज (PSUs) शामिल हैं, जहां आम आदमी पार्टी सरकार की बड़ी अनियमितताओं और विफलताओं का विवरण दिया गया है.
हाई कोर्ट में दाखिल हुई थी याचिका
विपक्ष के नेता ने दिल्ली विधानसभा में लंबित कैग रिपोर्ट्स को प्रस्तुत करने के निर्देश मांगने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. इसके जवाब में सरकार ने 11 दिसंबर 2024 को दोपहर 3:30 बजे 12 रिपोर्ट्स और 12 दिसंबर 2024 को शाम 7:50 बजे 2 रिपोर्ट्स उप-राज्यपाल सचिवालय को भेजीं, जिससे एक दिन पहले ही सुनवाई हो चुकी थी.
'लगातार अनुरोध करने के बाद की जारी'
उल्लेखनीय है कि उप-राज्यपाल कार्यालय के द्वारा वित्त मंत्री और अन्य अधिकारियों को कैग रिपोर्ट्स प्रस्तुत करने के लिए लगातार अनुरोध करने के बाद ही यह संभव हो सका. दिल्ली की वर्तमान वित्त मंत्री, जो अब मुख्यमंत्री की भूमिका भी निभा रही हैं, उन्होंने लंबित कैग रिपोर्ट्स 11 दिसंबर 2024 को जारी कीं और उप-राज्यपाल कार्यालय को प्रेषित किया.