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'राम-रावण दोनों के पास धनुष-बाण था, लेकिन...', पार्टी का नाम-निशान छिनने के बाद बोले उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में EC के फैसले के बाद सियासी भूचाल आ गया है. चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान एकनाथ शिंदे को सौंप दिया है. इसके बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है. एकनाथ शिंदे ने इसे बालासाहेब की विचारधारा की जीत बताया है, साथ ही ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर भी बदल ली है. वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार की दादागिरी चल रही है, लोकतंत्र ख़त्म हो गया है.

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उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान एकनाथ शिंदे गुट को सौंप दिया है. इसके बाद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है. एकनाथ शिंदे ने इसे जहां लोकतंत्र और लाखों शिवसैनिक कार्यकर्ताओं की जीत बताया है, तो वहीं उद्धव गुट ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है. इतना ही नहीं, बालासाहेब ने कभी ऐसा नहीं कहा था कि किसी की गुलामी की जाए. लेकिन दूसरी पार्टियों के नेता चुराना और उनका सिंबल चुराने से चुनाव में जीत नहीं मिलेगी.

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चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार की दादागिरी चल रही है, लोकतंत्र ख़त्म हो गया है. सरकार ने इस लड़ाई में सरकार ने पूरा सिस्टम उतार दिया था. उन्होंने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई निर्णय नहीं लेता, तब तक इलेक्शन कमीशन कोई फैसला ना दे, लेकिन उन्होंने मेरी बातों को नजर अंदाज कर दिया और फैसला दे दिया
 
उद्धव ने कहा कि उन्होंने हमारा धनुष-बाण चुरा लिया है. पहले हमारे पास कोई निशान नहीं था, यह तीर कमान बालसाहेब ठाकरे ने बनाया था और ये अपनी ताकत दिखाएगा. उद्धव ने कहा कि राम के पास भी धनुष बाण था और रावण के पास भी. लेकिन जीत राम की हुई.

इस तरह का खिलवाड़ देश के लिए घातक है. ये लड़ाई हम नहीं छोड़ेंगे, हम आखिर तक लड़ेंगे. हिम्मत नहीं हारनी है. उनका यह झूठ पच नहीं पाएगा, जिनको फोटो चुराना पड़ता है. निशान चुराना पड़ता है. उद्धव ने कहा कि 100 कौरव भी साथ आ जाएं, लेकिन जीत पांडवों की हुई थी. जनता सब देख रही है.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ने कहा कि कुछ लोगों को सरकारी पद मिल जाता है, लेकिन कुछ भी हो जाए. चोर तो चोर ही रहता है. इस तरह की चाल चलकर क्या मतलब, दम है तो चुनाव लड़ के दिखाओ. उन्होंने कहा कि हमारे वकील ने बताया था कि न्यायमूर्ति ने बताया था कि जब तक कोई फैसला नहीं आता, तब तक इलेक्शन कमीशन कोई फैसला ना ले, लेकिनहमें पता था कि वो इस तरह हरकत की करेंगे, लेकिन हमें न्याय पर भरोसा है.

उद्धव ने कहा कि पिछले कुछ दिन से चुनाव आयोग ने जो घपले किए हैं, वो हम दिखाएंगे. चुनाव अधिकारियों ने कई फोर्मेट में हमसे जानकारियां मांगीं और वो हमने दीं. जिसका गलत इस्तेमाल हुआ, हमने हिंदुत्व का त्याग नहीं किया है, उद्धव ने कहा कि RSS प्रमुख मोहन भगवत मस्जिद में गए थे, पीएम मोदी जब मुस्लिम से मिलते हैं, तो क्या उन्होंने हिंदुत्व त्याग दिया है?

उद्धव ठाकरे ने कहा कि बालासाहेब ने कभी ऐसा नहीं कहा था कि किसी की गुलामी करो. उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टियों के नेता चुराने से, पार्टी का सिंबल चुराने से जीत नहीं मिलेगी. कांग्रेस ने भी पहले सरकार गिराई थी, कांग्रेस इमरजेंसी लाई थी, लेकिन इंदिरा गांधी में इतनी हिम्मत थी कि इमरजेंसी के बारे में बोलें और वापस लें. उद्धव ने कहा कि जैसे इंदिरा को लोगो ने हराया था, वैसे ही पीएम मोदी को भी जनता हराएगी.

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उद्धव ने कहा कि बीबीसी पर जैसे छापे पड़े हैं, वैसे किसी पर भी छापे पड़ सकते हैं. सभी मीडिया संस्थानों को एक होना पड़ेगा. साथ ही कहा कि लोकतंत्र खतरे में है, यह सब देख रहे हैं. प्रधानमंत्री को यह बता देना चाहिए कि हम लोकतंत्र ख़त्म कर रहे हैं तानाशाही ला रहे हैं.
 

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