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कांग्रेस के डिनर का उद्धव ने किया Boycott, सावरकर के मुद्दे पर महा विकास अघाड़ी में ही बंटे दो गुट

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने घर पर आज शाम तमाम विपक्षी दलों के सांसदों के लिए डिनर पार्टी का आयोजन किया है. लेकिन उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इस डिनर पार्टी का बहिष्कार किया है. ठाकरे गुट का कोई नेता डिनर पार्टी में नहीं जाएगा. ऊद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता सांसद संजय राउत ने इसकी पुष्टि की.

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ठाकरे गुट ने किया खड़गे के डिनर का बहिष्कार
ठाकरे गुट ने किया खड़गे के डिनर का बहिष्कार

स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के अपमान के मुद्दे पर ऊद्धव ठाकरे गुट ने कांग्रेस की डिनर पार्टी का बहिष्कार किया है. दरअसल, राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद से कांग्रेस पार्टी केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर है. इसी क्रम में रविवार को कांग्रेस ने एक दिवसीय संकल्प सत्याग्रह आयोजित किया था. जिसके बाद आज संसद में तमाम विपक्षी नेता काले कपड़ों में पहुंचे और विरोध जताया. 

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इसके बाद आज रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तमाम विपक्षी दलों के सांसदों के लिए डिनर पार्टी का आयोजन किया है. लेकिन उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इस डिनर पार्टी का बहिष्कार किया है. ठाकरे गुट का कोई नेता डिनर पार्टी में नहीं जाएगा. ऊद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता सांसद संजय राउत ने इसकी पुष्टि की.

सावरकर पर राहुल ने दिया बयान

संजय राउत ने कहा- शिवसेना उद्धव गुट के सांसद राहुल गांधी के सावरकर को लेकर दिए गए बयान पर असहजता के चलते इस डिनर में शामिल नहीं होंगे.

मेरा नाम गांधी है: राहुल गांधी 

लोकसभा से सदस्यता गंवाने के बाद शनिवार को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान राहुल गांधी से एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि, जब ये लोग 'माफी मांग लेते कहते हैं' तो राहुल गांधी क्या सोचते हैं. इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, 'राहुल गांधी सोचता है कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है.'

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'सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'

इस बयान को लेकर उद्धव ठाकरे ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आक्रामक हो गए और उन्होंने वीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बयान न देने की चेतावनी दी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जबसे उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है, तबसे यह पहली बार था कि उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी पर हमला किया हो.

ठाकरे ने दी खुली चेतावनी

उद्धव ने आगे राहुल गांधी को चेतावनी दी कि वीर सावरकर उनके भगवान हैं, सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ठाकरे ने अपने भाषण में आगे राहुल गांधी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि उनकी पार्टी एमवीए महाविकास अघाड़ी में है क्योंकि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं. यदि आप एक साथ लड़ना चाहते हैं, तो यह स्पष्ट है कि हमारे भगवान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उद्धव ठाकरे ने कहा कि सावरकर के खिलाफ एक भी लाइन बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह इस सार्वजनिक मंच पर एक खुली चेतावनी है.

सावरकर के अपमान पर कांग्रेस से क्यों अलग हो गए उद्धव के रास्ते?

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राहुल गांधी की सांसदी जाने के मसले पर विपक्षी दल एक तरफ एकजुट नजर आए आ रहे हैं तो दूसरी तरफ इस एकजुटता में दरार भी पड़ती दिख रही है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक से उद्धव ठाकरे गुट ने किनारा करने का ऐलान कर दिया. उद्धव गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने साफ कह दिया है कि हम मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से उनके आवास पर बुलाई गई बैठक में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. उसके बाद डिनर से भी बायकॉट कर दिया. इससे पहले खुद उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी थी कि राहुल गांधी अपने बयानों में वीर सावरकर का अपमान करना बंद करें. ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

दरअसल, महाराष्ट्र में ठाकरे गुट की शिवसेना वीर सावरकर को महान स्वतंत्रता सेनानी बताती है और अपना आइडियल मानती है. उनके समर्थन में खुलकर बयानबाजी भी करती है. 2019 में भी शिवसेना ने राहुल गांधी के 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर आपत्ति जताई थी और माफी मांगने के लिए कहा था. हालांकि, राहुल ने साफ इंकार कर दिया था. वहीं, महाराष्ट्र में उद्धव गुट की शिवसेना महा विकास अघाड़ी का नेतृत्व भी कर रही है और कांग्रेस इस गठबंधन का हिस्सा है. लेकिन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों में अक्सर सावरकर को लेकर हमलावर रहते हैं और बीजेपी को घेरते हैं. इसी बात को लेकर उद्धव गुट को आपत्ति है.

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राहुल ने सावरकर पर कब-कब हमला किया?

राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों में सावरकर पर निशाना साधते हैं. उन्होंने हाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं, मैं गांधी हूं, मैं माफी नहीं मांगूंगा. राहुल से पूछा गया था कि क्या वो संसद सदस्यता जाने के बाद उस टिप्पणी के लिए माफी मांगेंगे, जिसे सूरत की अदालत ने मानहानि करार दिया है और दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई है. हालांकि, ये पहला मौका नहीं था, जब राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर बयान दिया हो. इससे पहले 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के वाशिम जिले में एक रैली में वीर सावरकर को लेकर निशाना साधा था. 

उन्होंने कहा था कि एक ओर बिरसा मुंडा जैसी महान शख्सियत हैं, जो अंग्रेजों के सामने झुकी नहीं और दूसरी ओर सावरकर हैं, जो अंग्रेजों से माफी मांग रहे थे. उन्होंने कहा था कि सावरकर जी, दो-तीन साल उन्हें अंडमान में बंद कर दिया तो उन्होंने चिट्ठी लिखनी शुरू कर दी कि हमें माफ कर दो. जो भी हमसे चाहते हो ले लो, बस मुझे जेल से निकाल दो. इस मामले में सावरकर के पोते रंजीत ने मुंबई के शिवाजी पार्क थाने में राहुल के खिलाफ शिकायत की थी. राहुल गांधी ने एक चिट्ठी भी पेश करते हुए दावा किया था कि ये सावरकर ने लिखी थी. राहुल ने सावरकर की चिट्ठी पढ़ते हुए कहा कि उन्होंने अंग्रेजों की मदद की थी और जेल में रहने के दौरान उन्होंने माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य को धोखा दिया था.

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इसी तरह, दिल्ली पुलिस ने 16 मार्च को राहुल गांधी को नोटिस भेजकर सवाल पूछा था कि वो कौन सी महिलाएं हैं, जिन्होंने ऐसा कहा है. राहुल गांधी उनकी डिटेल्स दिल्ली पुलिस को दें. राहुल गांधी के इसी बयान के मामले में रविवार को दिल्ली पुलिस उनके आवास पर पहुंच गई. पुलिस के इस एक्शन के बाद कांग्रेस ने हल्ला बोल दिया. एक-एक कर कई कांग्रेस नेता उनके आवास पर पहुंचने लगे. पुलिस से मुलाकात के बाद राहुल गांधी अपने आवास से खुद कार ड्राइव करते हुए निकले थे. उनकी कार चलाते हुए फोटो ट्वीट करते हुए कांग्रेस ने लिखा था, "सावरकर समझा क्या, नाम- राहुल गांधी है."

सावरकर पर हमलावर क्यों रहते हैं राहुल गांधी?

दरअसल, बीजेपी और शिवसेना वीर सावरकर को महान स्वतंत्रता सेनानी बताती है, जबकि कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार सावरकर की भूमिका को लेकर संदेह और सवाल खड़े करते आए हैं. राहुल अपने बयानों में वीर सावरकर के अंग्रेजों से माफी मांगने का दावा करते हैं. वहीं, बीजेपी का कहना है कि सावरकर ने आजादी के आंदोलन में जेल की सजा भुगती. लेकिन, वे अपने इरादों से पीछे नहीं हटे.

सावरकर के बारे में...

वीर सावरकर को लेकर देश में कई सारे भ्रम हैं और इसे लेकर विवाद भी देखने को मिलते हैं. सावरकर को पहली बार वर्ष 1909 में लंदन से गिरफ्तार किया गया था. उन पर महाराष्ट्र के नासिक में ब्रिटिश जिला कलेक्टर A.M.T. Jackson की हत्या की साजिश रचने का आरोप था. वीर सावरकर ने लगभग 15 वर्षों तक काली पानी की सजा काटी. उन पर यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काया है. अंग्रेज सरकार सबसे बड़ा दुश्मन मानती थी. 1911 में अंडमान की सेलुलर जेल में बंद कर दिया गया था. सावरकर को यहां भयानक यातनाएं दी गईं. इसके बारे में उन्होंने अपने भाई को बताया था. सावरकर की रिहाई को लेकर मोतीलाल नेहरू की तरफ से वॉयसरॉय को पत्र लिखा गया था. घटना 1929 की है.

 

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