केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार पर नए कृषि कानूनों को लेकर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि शरद पवार अनुभवी नेता हैं लेकिन कृषि कानूनों के बारे में उन्हें गलत जानकारी दी गई.
एनसीपी प्रमुख के कृषि कानूनों पर किए गए ट्वीट की तरफ इशारा करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता हैं, मुझे लगता है कि उनके सामने तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं. अब जब उन्हें सही तथ्यों की जानकारी हो गई है, तो मुझे लगता है कि कृषि सुधारों के प्रति वे अपना रवैया बदलेंगे और किसानों को भी इसके लाभ से अवगत कराएंगे.
नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि शरद पवार एक अनुभवी राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री रहे हैं, जिन्हें कृषि से संबंधित मुद्दों और समाधानों के बारे में अच्छी जानकारी है. उन्होंने खुद कृषि संबंधी सुधारों को पहले लाने की पुरजोर कोशिश की है.
Since he speaks with some experience and expertise on the issue, it was dismaying to see his tweets employ a mix of ignorance & misinformation on the agriculture reforms. Let me take this opportunity to present some facts. pic.twitter.com/8CZ1AzKYoR
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 31, 2021
एनसीपी प्रमुख के ट्वीट पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चूंकि शरद पवार कृषि मुद्दों पर अनुभव रखते हैं और विशेषज्ञता के साथ बोलते हैं. इसलिए कृषि सुधारों पर अज्ञानता और गलत सूचनाओं वाले उनके ट्वीट को देखना निराशाजनक था. मैं कुछ तथ्यों को प्रस्तुत करना चाहता हूं.
सिलसिलेवार ट्वीट में कृषि मंत्री ने कहा कि नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अतिरिक्त विकल्प मुहैया कराते हैं. किसान अपनी सुविधा अनुसार कहीं भी अपनी उपज को प्रतिस्पर्धी और बेहतर शुद्ध पर राज्य या राज्य से बाहर बेच सकते हैं. नया कानून यह वर्तमान MSP सिस्टम को प्रभावित नहीं कर रहा है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया कि इसके स्थान पर मंडियां अब सेवा और अधोसरंचना के संदर्भ में ज्यादा प्रतिस्पर्धी और किफायती साबित हो सकेंगी और दोनों व्यवस्थाएं किसानों के हित के लिए एक साथ समान रूप से क्रियाशील रहेंगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि जैसा कि मैं मानता हूं कि वह (शरद पवार) अनुभवी नेता हैं. लेकिन उन्होंने वास्तव में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया. अब जब उनके पास सही तथ्य हैं, मुझे उम्मीद है कि वह अपना रुख भी बदलेंगे और हमारे किसानों को नए कानूनों के लाभ के बारे में भी बताएंगे.
क्या बोले थे शरद पवार
असल में, नरेंद्र सिंह तोमर शरद पवार के 30 जनवरी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे थे. नए कृषि कानूनों की तरफ इशारा करते हुए शरद पवार ने ट्वीट कर नए कृषि कानूनों की खामियों को लेकर कई आशंकाएं जाहिर की थी. शरद पवार ने कहा था कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है और कोई भी एपीएमसी या मंडी सिस्टम में सुधारों के खिलाफ बहस नहीं करेगा. उस पर एक सकारात्मक तर्क का मतलब यह नहीं है कि यह सिस्टम को कमजोर या ध्वस्त करने के लिए किया जाता है.
Stock piling limits have been removed on food grain, pulses, onion, potato, oilseeds etc.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) January 30, 2021
It may lead to apprehensions that Corporates may purchase commodities at lower rates and stock pile and sell at higher prices to consumers.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैं संशोधित आवश्यक वस्तु अधिनियम के बारे में भी चिंतित हूं. अधिनियम के अनुसार सरकार मूल्य नियंत्रण के लिए तभी हस्तक्षेप करेगी जब बागवानी उत्पादों की दरों में 100% और गैर-विनाशकारी वस्तुओं की दरों में 50% की वृद्धि हो. खाद्य अनाज, दालें, प्याज, आलू, तिलहन आदि पर भंडारण की सीमा खत्म कर दी गई. इससे यह आशंका है कि कॉरपोरेट कम दरों पर अनाज और अन्य जरूरी चींजे स्टॉक कर लेंगे, जमाखोरी करेंगे और उपभोक्ताओं को उच्च मूल्य पर बेचेंगे.