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'गौ विज्ञान परीक्षा' पर केंद्रीय मंत्री बालियान बोले- गाय के गोबर-मूत्र से लोग कर रहे आमदनी

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री ने कहा कि एक आयु के बाद गाय दूध नहीं दे पाती है तो उसे बोझ नहीं मानना चाहिए क्योंकि आज गाय के गोबर और मूत्र से लोग आमदनी कर रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (ANI)
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'गौ विज्ञान परीक्षा' का आयोजन होगा
  • 25 फरवरी को कराई जाएगी परीक्षा
  • ये गायों के प्रति जागरूता अभियान हैः बालियान

भारत सरकार के राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की ओर से देसी गायों और इसके फायदे को लेकर छात्रों और लोगों को जागरूक करने के लिए एक नेशनल लेवल की स्वैच्छिक ऑनलाइन परीक्षा कराई जाएगी. इस परीक्षा का आयोजन 25 फरवरी को किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि इस कार्यक्रम को गायों के प्रति जागरूकता अभियान के तौर पर देखा जा सकता हैं.

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पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री ने कहा कि इस परीक्षा के जरिए लोगों को पता चलेगा कि गाय किस प्रकार से हमारी संस्कृति और पूजा से जुड़ी हुई है. यदि एक आयु के बाद गाय दूध नहीं दे पाती है तो उसे बोझ नहीं मानना चाहिए क्योंकि आज गाय के गोबर और मूत्र से लोग आमदनी कर रहे हैं. इस ऑनलाइन परीक्षा का नाम 'गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा' होगा.

निशुल्क होगी 'गौ विज्ञान परीक्षा'

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने मंगलवार को कहा कि बिना किसी शुल्क के वार्षिक तरीके से 'गौ विज्ञान परीक्षा का आयोजन होगा. इस कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा में प्राथमिक, माध्यमिक और कॉलेज स्तर के छात्र और आम लोग निशुल्क हिस्सा ले सकेंगे. 

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राष्ट्रीय कामधेनु आयोग अब गौ विज्ञान पर अध्ययन सामग्री उपलब्ध करवाने की तैयारी भी कर रहा है. कथीरिया का कहना है कि परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाएंगे और आयोग की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम के बारे में ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा. परीक्षा परिणामों की घोषणा तुरंत कर दी जाएगी और सर्टिफिकेट दिए जाएंगे. साथ ही होनहार उम्मीदवारों को इनाम दिया जाएगा.

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