BSF border extension: गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने मंगलवार को संसद में जानकारी दी कि ड्रोन और यूएवी (Unmanned Aerial Vehicle: UAVs) के खतरे को देखते हुए बीएसएफ (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया गया है. पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के एक सवाल पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी सदन में दी.
गृह मंत्रालय ने अपने लिखित जवाब में कहा कि कुछ राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को मजबूत बनाना है. जिससे बीएसएफ ड्रोन और यूएवी जैसे तकनीक के लिए प्रभावी ढंग से इनसे निपट सकेगा. ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहन (UAV) का आम तौर पर उपयोग राष्ट्र-विरोधी ताकतें करती हैं.
वहीं हथियारों, नशीले पदार्थों और नकली भारतीय मुद्रा नोटों की तस्करी के लिए (FICN) भी इन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. अब नए परिर्तन से इससे मवेशियों की तस्करी पर भी लगाम लगेगी. क्योंकि कई बार तस्कर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र से बाहर के इलाकों में शरण लेते हैं.
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वरुण गांधी ने गृह मंत्रालय से जवाब मांगा था कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के अंदर 15 किमी से 50 किमी तक क्यों बढ़ाया गया है ? ऐसा पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम में क्यों हुआ है ? इस बारे में 11 अक्टूबर 2021 को एक नोटिफिकेशन भी जारी हुआ था. गैर बीजेपी राज्यों पश्चिम बंगाल और पंजाब ने इस नोटिफिकेशन का विरोध किया है. इसे राज्य के संघीय अधिकारों का उल्लंघन भी बताया गया है.
हाल ही में बीएसएफ के डीजीपी ने कहा था कि सीमावर्ती राज्यों में जनसंख्या परिवर्तन भी एक प्रमुख कारण है. पश्चिम बंगाल और असम राज्य सीमा के क्षेत्राधिकार के विस्तार के प्रमुख कारणों में से है. यह बात बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने पिछले सप्ताह कही थी. उन्होंने कहा था कि सीमावर्ती राज्यों में 50 किलोमीटर तक बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र विस्तार करने के कारणों में से एक कारण असम और पश्चिम बंगाल में जनसांख्यिकी परिवर्तन था. हमारे पास जिले के हिसाब से इसका डाटा है. हालांकि इस बारे में संसद में कोई जानकारी नहीं दी गई.