कर्नाटक विधानसभा में वीर सावरकर की तस्वीर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सोमवार से शुरू हो रहे सत्र में वीर सावरकर की तस्वीर का अनावरण किया जा सकता है. अभी तक इसे लेकर कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का दौर जरूर शुरू हो चुका है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने इसे बीजेपी का एजेंडा बता दिया है. उन्होंने सावरकर को एक विवादित शख्सियत भी कहा है.
वे कहते हैं कि तस्वीर के अनावरण को लेकर मुझे कोई न्योता नहीं दिया गया है. इसलिए मैं इस पर कोई बात नहीं करना चाहता. ये सभी जानते हैं कि ये सब बीजेपी का एजेंडा है. सावरकर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल थे. वे एक विवादित शख्सियत हैं. अब ये कोई पहली बार नहीं है जब वीर सावरकर को लेकर विवाद खड़ा हुआ हो या फिर उनके इतिहास को लेकर सवाल-जवाब किए गए हों. कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान ने भी वीर सावरकर को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था.
राहुल गांधी ने कहा था कि मैं बहुत क्लियर हूं. इस देश में एक ओर सावरकर और दूसरी ओर गांधी के विचारों की लड़ाई है. मेरी राय है कि सावरकर ने डर की वजह से चिट्ठी पर साइन किया तो वहीं नेहरू, पटेल गांधी सालों जेल में रहे, कोई चिट्ठी साइन नहीं की. सावरकर के चिट्ठी पर साइन करना हिंदुस्तान के सभी नेताओं के साथ धोखा था. अब राहुल के उस एक बयान ने बीजेपी को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका दे दिया था. इस मामले में तो उद्धव ठाकरे ने भी राहुल का साथ नहीं दिया था. उन्होंने कहा था कि हम वीर सावरकर पर राहुल गांधी के बयान का समर्थन नहीं करते हैं. हमारे दिल में वीर सावरकर के लिए आदर और सम्मान है. उनके योगदान को कोई नहीं मिटा सकता है. मुझे तो हंसी आती है जब बीजेपी और संघ सावरकर की बात करते हैं, भारत को आजाद करवाने में इनका कोई योगदान नहीं था. उन्हें सावरकर के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है.