राष्ट्रपति के बाद अब उपराष्ट्रपति चुनाव की बारी है. सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ने ही उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार मैदान में उतार चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ को मैदान में उतारा है तो वहीं विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा पर दांव लगाया है.
सत्तापक्ष और विपक्ष अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए जी-जान लगा रहे हैं. एनडीए ने राष्ट्रपति के बाद अब उपचुनाव में भी विपक्षी खेमे में सेंध लगा दी है. एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को विपक्षी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का साथ मिल गया है. बसपा प्रमुख मायावती ने उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ के समर्थन का ऐलान कर दिया है.
मायावती ने बुधवार की सुबह एक के बाद एक ट्वीट किए. मायावती ने ट्वीट कर ये कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन सकी जिसकी वजह से चुनाव हुआ. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि ठीक वही स्थिति अब उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी बन गई है.
मायावती ने अपने ट्वीट में उपराष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को होने जा रहे मतदान का भी जिक्र किया. उन्होंने एक अन्य ट्वीट कर ये साफ कर दिया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में बसपा किसका समर्थन करेगी. मायावती ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के लिए होने जा रहे चुनाव में भी बसपा व्यापक जनहित और अपनी विचारधारा को ध्यान में रखकर जगदीप धनखड़ का समर्थन करेगी.
मायावती ने कहा कि पार्टी ने व्यापक जनहित और अपनी विचारधारा को ध्यान में रखकर ये फैसला किया है. उन्होंने कहा कि आज इसका औपचारिक ऐलान कर रही हूं. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में भी मायावती की पार्टी ने एनडीए की उम्मीदवार रहीं आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था.