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चुनाव नया, आरोप वही... इलेक्शन में हार के बाद EVM फिर हुई बदनाम

विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में हुई हार के बाद कांग्रेस बैकफुट पर है. इस बीच कुछ नेताओं ने EVM पर सवाल उठाए हैं. वहीं कुछ ने इसको 'क्लीन चिट' दी है.

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EVM पर फिर उठे सवाल (सांकेतिक फोटो)
EVM पर फिर उठे सवाल (सांकेतिक फोटो)

तीन राज्यों में बीजेपी से पिछड़ने वाली कांग्रेस ने तेलंगाना में सीएम फेस का ऐलान BJP से पहले कर दिया है. अभी BJP में 3 राज्यों की कमान किसे सौंपी जाए इसपर मंथन जारी हैं. इधर मंथन चल रहा है, उधर हार के बाद टीम कांग्रेस में 'ठिकरा फोड़ो खेल' शुरू हो गया. कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह की मानें तो ईवीएम की वजह से कांग्रेस हार गई. अब BJP का आरोप है कि कांग्रेस जब हार जाती है, तब ईवीएम का रोना रोती है.
 
आरोप लगा रही कांग्रेस का चुनाव से पहले नारा था कि 'मोदी को हराएंगे, बीजेपी को भगाएंगे', लेकिन जनता ने कांग्रेस को चुनावी रेस में हरा दिया. मानो अब नारा बदलकर 'हार नहीं मानेंगे, ईवीएम को कोसेगें' हो गया है.

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अपने गढ़े हुए तर्कों के साथ एक बार फिर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन के तमाम नेताओं ने EVM से पुरानी अदावत का चैप्टर खोल दिया है. चैप्टर के हर पन्ने में यही लिखा है कि चीटिंग हो गई.

सरल शब्दों में समझें तो तीन राज्यों की पब्लिक ने कांग्रेस के हाथ खाली छोड़ दिए. ऐसे में फेस सेविंग के लिए पुराने आरोपों को नई बोतल में डालकर प्रस्तुत कर दिया. अजब और गजब ये है जहां जीतें वहां EVM की हैकिंग नहीं हुई, जहां हारे वहां ईवीएम हैक करके कांग्रेस से जीत चुरा ली गई.

नतीजों से पहले कांग्रेस में अति आत्मविश्वास इतना था कि मिठाइयां कांग्रेस दफ्तरों में पहुंच चुकी थीं, ढोल नगाड़े वाले पहुंच चुके थे. यहां तक की दफ्तर-दफ्तर जीत की बधाई देने वाले पोस्टर और बैनर सज चुक थे, लेकिन कांग्रेस के अरमानों पर पानी फिर गया.

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मिठाई तो मिठाई, कांग्रेस के एक नेता ने ऐलान कर रखा दिया था, बीजेपी 50 सीटें जीते तो मुंह काला कर लेंगे. नेताजी का ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा. कांग्रेस अपने ट्रैक रिकॉर्ड की तरह हार गई अब नेताजी, अपनी पार्टी की हार के बाद मुंह काला करेंगे. मतलब कांग्रेस नेताओं के लिए खुद अपने चेहरे पर कालिख पोतने की नौबत आ गई.

नए नहीं हैं आरोप

EVM को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष के आरोप नए नहीं हैं. 2014 से बाद से जब-जब 
मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने चुनाव जीता, तब-तब विपक्ष ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. ऐसे में ईवीएम को लेकर टीम बीजेपी और टीम कांग्रेस के बीच बीते साढ़े नौ साल से महाभारत जारी है.

वैसे 2014 के बाद विपक्ष की टूलकिट को देखें, तो चुनाव दर चुनाव, जब-जब हारे तब-तब ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ. ममता बनर्जी, राहुल गांधी के साथ अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए थे.

सीनियर लीडरशिप पर उंगली उठा रही नई पीढ़ी

कांग्रेस के सामने बड़ी मुश्किल ये है कि भले ही कांग्रेस के 70 पार के कई नेता हकीकत स्वीकार करने को तैयार नहीं, लेकिन कांग्रेस की नई लीडरशिप अपनी ही सीनियर लीडरशिप पर उंगलियां उठा रही है. चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम कह रहे हैं कि ईवीएम में सब चंगा है, कोई पंगा नहीं है. तो और खुद गहलोत के OSD  लोकेश शर्मा अपने ही आका के गले में हार की माल डाल रहे हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था कि ये कांग्रेस नहीं गहलोत की हार है.

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