पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा है. ममता ने कहा कि अगर चुनाव आयोग (Election Commission) ने बीजेपी की मदद नहीं की होती तो वह 30 सीट भी नहीं जीत पाती.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैं किसी के चरित्र की व्यक्तिगत आलोचना में शामिल नहीं हूं, लेकिन मिदनापुर जिले का हर घर जानता है कि क्या हो रहा है, अटल जी, आडवाणी जी, राजनाथ जी के साथ मेरे अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन मौजूदा भाजपा किसी का सम्मान नहीं करती है, वे नहीं जानते कि दूसरों से कैसे बात करें.
'राज्यपाल को बोलने से रोकने वाले आज महान बन रहे हैं'
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल को भाषण देने से रोकने वाले ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे आज कितने महान हैं, राज्यपाल को बोलने देने का आपके पास शिष्टाचार नहीं था, बंगाल पर कब्जा करने के लिए उन्होंने एसपी से डीएम तक का तबादला कर दिया? बाहरी लोगों को लाने से लेकर झूठ फैलाने तक सभी काम किया.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने खुद देखा है कि जहां मैंने चुनाव लड़ा, वहां लोगों को धमकाया गया और वोट न देने को कहा गया, मामला विचाराधीन है, मैं जगह का नाम नहीं लूंगी, अगर चुनाव आयोग ने बीजेपी की मदद नहीं की होती तो बीजेपी 30 के पार नहीं जाती. मैं ऐसा कह सकती हूं, बीएसएफ और सीआरपीएफ ने लोगों को पीटा.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है, मैं कुछ नहीं कहना चाहती, लेकिन मामला चल रहा है, फैसला आएगा और हम जानेंगे कि सीतलकुची में क्या हुआ था, मैं उन सभी से पूछती हूं जो चुनाव के बाद की हिंसा की बात करते हैं, मैंने 5 तारीख को पदभार संभाला, उसके बाद कितनी घटनाएं हुई हैं?
'बंगाल को बंटने नहीं देंगे'
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों ने खेला होबे को सराहा है, अब हम खेला होबे दिवस मनाएंगे, 100 दिनों के काम और ग्रामीण सड़क विकास में बंगाल नंबर 1 पर है, बंगाल को बंटने नहीं देंगे, पश्चिम बंगाल में सब बराबर हैं, बीजेपी सोशल मीडिया पर फेक न्यूज पोस्ट करती है, वे ब्राजील और बांग्लादेश की हिंसा के वीडियो साझा करते हैं और कहते हैं कि यह बंगाल का है. हम अभी भी नहीं जानते कि दिल्ली दंगों में कितने लोग मारे गए.
शुभेंदु के साथ बीजेपी विधायकों ने किया वॉक आउट
ममता बनर्जी के भाषण के दौरान ही विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और बीजेपी के अन्य विधायकों ने नंदीग्राम का मुद्दा उठाने की कोशिश की. शुभेंदु अधिकारी कहते हैं, 'मैंने सीएम के नंदीग्राम के हारने का मुद्दा उठाया. स्पीकर ने कहा कि मामला विचाराधीन है. मैंने कहा तो मुझे यहां क्यों रहना चाहिए.'