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मुख्य सचिव पर ममता से आर-पार, जानें क्या-क्या एक्शन ले सकती है केंद्र सरकार?

यास तूफान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में शामिल न होने वाले मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया गया. उन्हें आज सुबह 10 बजे नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करना था, लेकिन वो नहीं आए.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अलपन पर कार्रवाई की तैयारी में केंद्र
  • रद्द किया जा सकता है सर्विस एक्सटेंशन

पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार में एक बार फिर तलवारें खींच गई है. यास तूफान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में शामिल न होने वाले मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया गया. उन्हें आज सुबह 10 बजे नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करना था, लेकिन वो नहीं आए. केंद्र सरकार अब उन पर अनुशासनात्मक कारवाई करने की तैयारी में है.

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ऐसे में सवाल ये है कि किसी भी राज्य में तैनात IAS अधिकारियों के खिलाफ केंद्र क्या करवाई कर सकता है ? बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को राज्य सरकार के कहने पर केंद्र सरकार की सहमति के आधार पर उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार (एक्सटेन्शन) दिया हुआ है, ऐसे में उनके एक्सटेंशन को केंद्र रद्द कर सकता है.

ये भी पढ़े: कौन हैं अलपन बंदोपाध्याय, जिनपर आमने-सामने हैं ममता और मोदी सरकार 

जानकारों के मुताबिक, अगर कोई अधिकारी राज्य में तैनात है तो उसको सेन्ट्रल डेपुटेशन को कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है. ऐसे में राज्य चाहे तो सेंट्रल डेपुटेशन के आदेश को मानने से इनकार कर सकती है. यही नहीं अगर केंद्र राज्य में तैनात किसी भी अधिकारी को दिल्ली तलब करता है तो ऐसे मामले में भी राज्य सरकार की सहमति जरूरी है. अलपन बंदोपाध्याय को ममता सरकार ने दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी है.

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देखा जाए तो कुछ महीनों पहले बंगाल में एक चुनावी रैली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए पथराव पर केंद्र सरकार ने बंगाल के तीन IPS अधिकारियों को दिल्ली बुलाया था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र के इस आदेश को ठुकराते हुए उन्हें गृह मंत्रालय भेजने से मना कर दिया था.

आल इंडिया सर्विस रूल 6 (1) के मुताबिक किसी भी अधिकारी को सेंट्रल डेपुटेशन के लिए राज्य की सहमति लेनी जरूरी है. आइए अब हम आपको ये बताते हैं कि अब अलपन बंदोपाध्याय के मामले में केंद्र के पास करवाई के लिए क्या-क्या विकल्प है-

1- केंद्र अलपन बंदोपाध्याय के तीन महीने के सर्विस एक्सटेंशन को रद्द कर सकता है.

2- केंद्र उन्हें एक बार फिर से बुला सकता है.

3- केंद्र सरकार अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी कर ये पूछ सकता है क्यों न उन पर अनुशात्मक करवाई की जाए.

सूत्रों का कहना है कि केंद्र ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय पर कार्रवाई का मन बना लिया है. अब देखना है कि अलपन पर कार्रवाई के बीच पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच टकराव किस हद तक बढ़ता है.

 

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