पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया. ममता ने कहा कि 6 से 8 महीनों के बीच उन्होंने क्या किया? इसके अलावा ममता बनर्जी ने वैक्सीन के बांटने के तरीके को भी गलत बताया.
ममता ने कहा, "केंद्र सरकार को 6 से 8 महीने का वक्त मिला था, उन्होंने क्या किया? दूसरी लहर के लिए वो ही जिम्मेदार हैं. उनका वैक्सीन बांटने का तरीका भी गलत है."
उन्होंने कहा, "महामारी फैलने के लिए विपक्ष को दोष क्यों दे रहे हैं? बीजेपी ही सबके लिए बड़ी बीमारी है. बंगाल की जनता ने जो फैसला दिया है, वो उसे स्वीकार नहीं कर पा रही है."
ममता ने कहा, "चुनाव के दौरान कोरोना के केस में उछाल आ गया था. आप जानते हैं कि 8 फेज में चुनाव कराए गए. हम लगातार मांग करते रहे कि चुनाव को एक फेज में कर दिया जाए, लेकिन हमारी बात किसी ने नहीं सुनी. एक फेज में चुनाव कराने से समस्याएं कम होतीं."
उन्होंने कहा, "जब चुनाव थे तो पॉजिटिविटी रेट 33% के पार चला गया था, लेकिन अब हालात काबू में हैं और पॉजिटिविटी रेट भी 3% से नीचे आ गया है. कई सारे उपचुनाव कराए जाने अभी बाकी हैं. अब हालात काबू में हैं तो एक हफ्ते में उपचुनाव करा सकते हैं. हालांकि, मुझे पता है कि जब पीएम बोलेंगे तभी चुनाव कराए जाएंगे."
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अलपन बंदोपाध्याय को पूरा समर्थन है
बंगाल के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया था, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया था. बाद में उन्होंने चीफ सेक्रेटरी का पद छोड़ दिया था. इसके तुरंत बाद ममता ने उन्हें अपना चीफ एडवाइजर नियुक्त कर दिया था. हाल ही में केंद्र ने फिर से अलपन को नोटिस भेजकर 30 दिन के अंदर जवाब मांगा है.
इस पूरे मामले पर ममता बनर्जी ने कहा, "हमारी सरकार का उन्हें (अलपन) पूरा समर्थन है. केंद्र को पता होने चाहिए कि वो एक ऐसे व्यक्ति को परेशान कर रहे हैं, जिसने एक महीने में ही अपनी मां और भाई को खोया है. अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा में लगाने के बावजूद उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है."
तीसरी लहर से निपटने का प्लान भी बताया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने का प्लान भी बताया. कॉन्फ्रेंस में आए सीएस एचके द्विवेदी ने बताया कि जुलाई तक सरकारी अस्पतालों में 1,300 पीडियाट्रिक आईसीयू सेटअप कर लिए जाएंगे. वहीं, ममता बनर्जी ने बताया कि तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का खतरा जताया जा रहा है, इसलिए 12 साल से छोटे बच्चों की मांओं को प्रायोरिटी बेसिस पर पहले वैक्सीनेट किया जाएगा.