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हर टक्कर में तपकर कुंदन बनीं ममता, चुनाव दर चुनाव बढ़ा ग्राफ, सीट ही नहीं वोट में भी बंपर बढ़त

इस चुनाव में ममता बनर्जी के परफॉर्मेंस पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2011, 2016 और 2021 में लगातार उनका प्रदर्शन सुधरा है. खास बात यह रहा है कि जिस चुनाव में मुकाबला जितना तगड़ा रहा है, ममता बनर्जी उतनी ही तपकर निकली हैं और उन्होंने अपनी पार्टी का परफॉर्मेंस लगातार सुधारा है.

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (फोटो- पीटीआई)
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हर बार बढ़ता रहा ममता का ग्राफ
  • सीट और वोट शेयर दोनों बढ़े
  • जितनी जोरदार टक्कर रही, उतना अच्छा परफॉर्मेंस

बंगाल के इस विधानसभा चुनाव को न सिर्फ देश की राजनीति के हिसाब से बल्कि खुद ममता बनर्जी के लिए भी अहम माना जा रहा था. लेकिन ममता बनर्जी ने जीत की हैट्रिक लगाकर साबित कर दिया कि भारत में विपक्षी खेमे में उनकी टक्कर का कोई नेता नहीं है. 

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इस चुनाव में ममता के परफॉर्मेंस पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2011, 2016 और 2021 में लगातार उनका प्रदर्शन सुधरा है. खास बात यह रहा है कि जिस चुनाव में मुकाबला जितना तगड़ा रहा है, ममता बनर्जी उतनी ही तपकर निकली हैं और उन्होंने अपनी पार्टी का परफॉर्मेंस लगातार सुधारा है. 

2011 का चुनाव
 
ये वो चुनाव था जिसमें ममता बनर्जी ने 34 साल पुरानी वाम सरकार को उखाड़कर फेंका और सत्ता में आई. इस चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी 226 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, पार्टी ने 184 सीटें जीतकर सीपीएम को सत्ता से बेदखल कर दिया. इस चुनाव में टीएमसी को 38.93 फीसदी मत मिले. 2006 के विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो इस बार उनकी पार्टी के 154 विधायक ज्यादा जीते थे.

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2016 की टक्कर 

2011 से 16 तक 5 साल सत्ता में रहने के बाद ममता बनर्जी राज्य में अपनी जड़ें जमा चुकी थीं. 2016 में उनके लिए चुनौती कुछ खास नहीं थी. इस साल ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस 294 में से 293 सीटों पर चुनाव में उतरी और धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 211 सीटें जीतीं. इसके साथ ही इस चुनाव में पार्टी का वोट शेयर बढ़कर 44.91 प्रतिशत हो गया. 2011 के मुकाबले उन्हें इस चुनाव में 27 सीटें ज्यादा मिलीं. 

2021 की हैट्रिक

2021 का विधानसभा चुनाव सबसे हाई पिच और हाई वोल्टेज इलेक्शन था. ये चुनाव ऐसा था मानो ममता का राजनीतिक करियर दांव पर लगा गया हो. बीजेपी ने इस चुनाव को जीतने के लिए पार्टी की पूरी मशीनरी झोंक दी. दोनों ही ओर से कई वार-प्रतिवार हुए. लेकिन ममता इतनी जबर्दस्त टक्कर के बाद भी अकेले दम पर विनर बनकर निकलीं और अपनी स्ट्रीट फाइटर की छवि को चरितार्थ किया.

इस चुनाव में ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी का प्रदर्शन फिर सुधारा. इस बार TMC 290 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. इस बार चुनाव भी 292 सीटों पर हुए हैं. फिर भी ममता बनर्जी अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर आगे निकल गईं. इस चुनाव में टीएमसी ने अब तक के सबसे ज्यादा 213 सीटों पर जीत हासिल की है. अभी 2 सीटों पर चुनाव होना है.

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इस चुनाव में ममता की पार्टी को 47.95 फीसदी वोट मिले, जो कि उनका अबतक का सबसे ज्यादा वोट शेयर है. टीएमसी को 2 करोड़ 87 लाख 27 हजार 840 वोट प्राप्त हुए. 

बता दें कि ये तुलना सिर्फ विधानसभा चुनाव के लिए है, लोकसभा चुनाव के नतीजे का ट्रेंड अलग रहा है. 

 

 

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