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कौन हैं दानिश आजाद जिनकी हुई योगी कैबिनेट में एंट्री, मोहसिन रजा की क्यों हुई छुट्टी?

Yogi 2.0 Cabinet: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. इसके अलावा 18 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री बनाए गए हैं.

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दानिश आजाद अंसारी ने ABVP से छात्र जीवन की शुरुआत की थी.
दानिश आजाद अंसारी ने ABVP से छात्र जीवन की शुरुआत की थी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी में 18 कैबिनेट मंत्रियों ने ली शपथ
  • 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बने
  • 20 विधायकों को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई

योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मुस्लिम चेहरे रहे मोहसिन रजा (Mohsin Raza) को इस बार जगह नहीं मिल सकी है. बीजेपी ने मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) को मंत्री बनाया है. दानिश ने योगी सरकार में राज्यमंत्री की शपथ ली है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह रही कि योगी कैबिनेट में मोहसिन रजा की छुट्टी हो गई है और कौन हैं दानिश आजाद जिन्हें मंत्री बनाया गया है? 

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योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मुस्लिम चेहरे के तौर पर शामिल किए राज्यमंत्री दानिश आजाद छात्र राजनीति से आए हैं और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं. पूर्वांचल के बलिया से आने वाले दानिश आजाद मुस्लिम ओबीसी के अंसारी जाति से आते हैं. बीजेपी के पसमांदा राजनीति के लिए मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है.  उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भाषा समिति के सदस्य रहे हैं.  

ABVP से छात्र राजनीति की शुरुआत

दानिश आज़ाद लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले दानिश आज़ाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों पर रहे. सूबे में 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद उन्हें भाषा समिति का सदस्य बनाया गया. आज़ाद लगातार अल्पसंख्यक समाज व युवाओं में अपनी सक्रियता बनाये हुए हैं. इसी नाते 2022 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें पार्टी ने प्रदेश महामंत्री का पद दिया है.

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अंसारी समुदाय से आते हैं दानिश

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के महासचिव रहते हुए दानिश आज़ाद ने अहम भूमिका अदा की है. बीजेपी अपने सियासी एजेंडे के तहत अब उन्हें कैबिनेट में शामिल किया है. मोदी सरकार के बनने के बाद से बीजेपी का फोकस मुस्लिम पसमांदा जाति पर है, जिसके लिए मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को लाया गया है. मोहसिन रजा शिया और मुस्लिम सवर्ण जाति से आते हैं, जबकि दानिश मुस्लिम ओबीसी के अंसारी समुदाय से आते हैं. 

यूपी में अंसारी समुदाय की बड़ी आबादी

मुस्लिमों में सबसे बड़ी आबादी यूपी में अंसारी समुदाय की है, लेकिन सत्ता में भागेदारी उनकी आबादी से कम है. ऐसे ही पसमांदा समुदाय की दूसरी जातियों के जगह मुस्लिम समुदाय की सवर्ण जातियां शेख, पठान, सैय्यद, मुस्लिम राजपूत और मुस्लिम त्यागी हावी है. ऐसे में बीजेपी की नजर ओबीसी मुस्लिम समुदाय पर है, जिन्हें साधने के लिए तमाम कवायद कर रही है.

बड़ा सियासी दांव

इसी कड़ी में योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन का पद सैफी समुदाय को सौंपा गया है तो बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के तमाम पदों में उन्हें जगह दी गई है. ऐसे में अब योगी सरकार में अंसारी समुदाय से आने वाले दानिश आजाद को मंत्री बनाकर बड़ा सियासी दांव चल दिया है.

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मोहसिन रजा की क्यों हुई छुट्टी

- योगी सरकार के  कैबिनेट से मोहसिन रजा की छुट्टी इसीलिए कर दी गई, क्योंकि पांच साल तक मंत्री रहते हुए किसी तरह का कोई सियासी प्रभाव नहीं छोड़ सके हैं. राजनीतिक विश्वलेषकों की मानें तो मोहसिन रजा अपने शिया समुदाय को भी बीजेपी के साथ जोड़े रखने में कामयाब नहीं रहे. इसका नतीजा है कि बीजेपी लखनऊ में एक सीट अपनी गंवा दी है जबकि मोहसिन रजा खुद भी लखनऊ के हैं.

- इसके अलावा पांच साल तक मोहसिन रजा मुस्लिम समुदाय के बीच बीजेपी के लिए सियासी आधार मजबूत करने के बजाय बयानबाजी करते रहे. इस बार के चुनाव में मुस्लिम का 85 फीसदी वोट सपा को गया है, जो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है. वहीं, बीजेपी को महज आठ फीसदी मुस्लिम वोट मिला, जिसके चलते भी उनकी कुर्सी गई है. 

- हालांकि, लखनऊ का शिया समुदाय एक समय तक बीजेपी के पक्ष में वोट करता रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लालजी टंडन और राजनाथ सिंह के लिए वोट किया, लेकिन इस बार साथ नहीं रहा. ऐसे में बीजेपी ने ओबीसी मुस्लिम वोटों को साथ जोड़ने की दिशा में मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को कैबिनेट में एंट्री दी है.

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- यूपी चुनाव के दौरान बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पीएम मोदी से लेकर केशव प्रसाद मौर्य तक ने पसमांदा वोटों को साधने के लिए तमाम सियासी संदेश देते नजर आए थे. केशव मौर्य ने कहा था कि सपा ने पसमांदा मुस्लिम को सिर्फ ठगा है और बीजेपी ने उन्हें सरकारी योजनाओं को लाभ देने का काम किया है.

मोहसिन रजा बड़े भाई: दानिश

मंत्री बनाए जाने पर दानिश आजाद अंसारी ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि वह यूपी में मुस्लिमों के बेहतरी के लिए काम करेंगे. साथ उन्होंने मोहसिन रजा को लेकर कहा कि वह मेरे बड़े भाई हैं.  

 

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