देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है, लेकिन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर सभी की नजर बनी हुई है. ऐसे में विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाया गया है. सिन्हा 27 जून की सुबह 11.30 बजे नॉमिनेशन दाखिल करेंगे.
मंगलवार को विपक्ष की बैठक में टीएमसी ने यशवंत सिन्हा का नाम आगे बढ़ाया, जिसे विपक्ष के 19 दलों का समर्थन मिला. बैठक से पहले सिन्हा ने ट्वीट किया कि TMC में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं.
उन्होंने आगे कहा कि अब एक समय आ गया है, जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए. मुझे यकीन है कि पार्टी मेरे इस कदम को स्वीकार करेगी.
ममता बनर्जी ने दी बधाई
सिन्हा को बधाई देते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी प्रगतिशील विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार बनाए जाने पर यशवंत सिन्हाजी को बधाई. वे कुशाग्र बुद्धि के व्यक्ति हैं, जो निश्चित रूप से हमारे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मूल्यों को बनाए रखेंगे.
सिन्हा ने टीएमसी से दिया इस्तीफा
जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस मामले पर चर्चा करने के बाद सिन्हा ने प्रस्ताव पर सहमति जताई गई. यशवंत सिन्हा ने बैठक से पहले एक ट्वीट कर बड़े राष्ट्रीय कारणों के लिए पार्टी के काम से अलग हटने की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
पवार-अब्दुल्ला कर चुके हैं इनकार
शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी विपक्ष के ऑफर को ठुकरा चुके हैं. महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने सोमवार को ही विपक्ष के नेताओं को राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम सुझाने पर धन्यवाद देते हुए चुनाव लड़ने न लड़ने की इच्छा जताई थी. ऐसे में अब विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारने का फैसला किया है. यशवंत सिन्हा भाजपा का दामन छोड़कर TMC में शामिल हुए थे.
फारुक अब्दुल्ला ने क्या कहा था?
पहले विपक्ष नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला का नाम आगे बढ़ाना चाह रहा था, लेकिन फारुक ने एक बयान में कहा गया है कि वह ममता बनर्जी के आभारी हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनके नाम को आगे बढ़ाया और साथ ही उन नेताओं को भी धन्यवाद जिन्होंने समर्थन देने का वादा किया है. ये कहकर उन्होंने कैंडिडेट बनने से इनकार कर दिया था.