इतिहास गवाह है कि सत्ता किसी की हो, धर्मगुरुओं का सियासत में न केवल दखल रहा है, बल्कि कई मौकों पर वो सियासत के केंद्र में आ खड़े हुए हैं. योगी आदित्यनाथ इनमें एक हैं, जबकि बीते तीस साल की राजनीति की बात करें तो अलग अलग मौकों पर अलग अलग धर्मगुरुओं का सियासत में अपनी तरह का अलग लेकिन अहम दखल रहा.