बिलासपुर नसबंदी शिविर में 13 महिलाओं की मौत को अभी लोग भूले भी नहीं थे कि एक और ऑपरेशन शिविर में घनघोर लापरवाही का मामला सामने आया है. ये मामला है पंजाब के गुरदासपुर का, जहां, नेत्र शिविर में ऑपरेशन कराने वाले 60 लोगों में से 10 की आंखों की रोशनी चली गई. मामले की जांच के सिविल सर्जन को आदेश दे दिए गए हैं. मामले की रिपोर्ट सोमवार तक मांगी गई है.
यह कैंप एक समाजसेवी संस्था ने आयोजित किया था. रोशनी खोनेवालों में अमृतसर और गुरदासपुर के रहनेवाले हैं. अमृतसर के उपायुक्त रवि भगत ने बताया कि 16 मरीजों को सहायक प्रोफेसर करमजीत सिंह की निगरानी में शहर के ईएनटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सिंह ने कहा कि उन सबने स्थायी तौर पर अपनी आंखों की रोशनी खो दी है.
इन सबको अमृतसर और गुरदारसपुर के ईएनटी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. भगत ने कहा कि उन डॉक्टरों का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं जिन्होंने शिविर में ऑपरेशन किया.
घटना का ब्योरा देते हुए अमृतसर के सिविल सर्जन राजीव भल्ला ने कहा कि सभी मरीजों का ऑपरेशन तकरीबन 10 दिन पहले गुरदासपुर जिले के घुमन गांव के एक नेत्र शिविर में किया गया था.
एक पीड़ित जोगेंदर सिंह ने कहा, 'मुझे अब कुछ नजर नहीं आता है. आंखें बिल्कुल बंद हैं. मुझे ये नहीं पता कि इन्होंने मेरी आंखें निकाल ली हैं या फिर हमारे साथ क्या किया है.'
यह घटना तब सामने आई जब सभी 16 मरीजों ने उपायुक्त भगत से एनजीओ और संबद्ध चिकित्सकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए संपर्क किया. उन डॉक्टरों की भी तलाश की जा रही हैं जिन्होंने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था.
पंजाब में डॉक्टरों की लापरवाही का यह मामला ऐसे वक्त सामने आया है जब कुछ ही हफ्ते पहले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से नसबंदी शिविर में ऑपरेशन से 11 महिलाओं की मौत और 34 लोगों के गंभीर रूप से बीमार होने की खबरें आ चुकी हैं. इस मामले में गिरफ्तार डॉक्टर आर.के.गुप्ता को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है.