पंजाब में आज शुक्रवार को 32 किसान संगठनों की एक अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में बीजेपी को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक पार्टियों को बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी पार्टियों ने हामी भी भर दी है.
चंडीगढ़ में होने वाली ये बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी, जिसमें किसान संगठनों के नेताओं के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदे भी होंगे.
इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से राजनीतिक पार्टियों से अपील की जाएगी कि जब तक पंजाब में चुनाव तारीखों का ऐलान नहीं होता और आचार संहिता नहीं लगती, तब तक कोई भी पार्टी पंजाब में चुनावी रैली या राजनैतिक कार्यक्रम न करे.
संयुक्त किसान मोर्चा का मानना है कि राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों की वजह से किसान आंदोलन में जुट रहे किसानों की संख्या कम हो रही है और ज्यादातर किसान अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों की वजह से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन में शामिल नहीं हो रहे हैं. इसके अलावा अन्य कई राजनीतिक मुद्दों को लेकर अलग-अलग पार्टियों के नुमाइंदों से किसान संगठन सवाल-जवाब करेंगे.
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जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुलवंत सिंह ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी को बताया कि इस बैठक में बीजेपी को छोड़कर बाकी दूसरी सभी राजनीतिक पार्टियों को बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि तमाम राजनीतिक पार्टियों ने इस बैठक में शामिल होने की हामी भी भर दी है.
शिरोमणि अकाली दल ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बलविंदर सिंह भुंदर, प्रेम सिंह चांडूमाजरा, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल और दलजीत सिंह चीमा को इस मीटिंग में जाने के लिए प्रतिनियुक्त किया है. वहीं, आम आदमी पार्टी के विधायक कुल्तार सिंह सांधवान ने भी बैठक में जाने की पुष्टि की है.
अकाली दल की ओर से कुछ दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा को चिट्ठी लिखकर सीधे तौर पर संवाद करने की अपील की गई थी और कहा गया था कि विरोध करने की बजाय संयुक्त किसान मोर्चा जो भी सवाल पूछना चाहता है उसके लिए अकाली दल तैयार है. अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वो संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से राजनीतिक पार्टियों के लिए बुलाई गई इस बैठक में शामिल होंगे और पूरी कोशिश करेंगे कि वो हर हाल में किसानों का साथ दें.