दिल्ली गुरूद्वारा चुनावों पर उपजे राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रविवार को कहा है कि शीला दीक्षित आरोप लगाने से पहले यह बतायें कि गुरूद्वारा अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव का क्या औचित्य है.
जालंधर जिले के ख्याला गांव में यहां स्थित संत बाबा भाग सिंह शैक्षिक परिसर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘शीला जी को पहले यह बताना चाहिए कि दिल्ली गुरूद्वारा अधिनियम में संशोधन का क्या औचित्य है. अचानक इस संशोधन की आवश्यकता क्यों हुई है. इस बारे में उन्हें अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए.’
बादल ने कहा, ‘दिल्ली गुरूद्वारा मामले में हस्तक्षेप का हमारा पूरा अधिकार है क्योंकि हम वहां चुनाव लडते हैं. यह स्पष्ट है कि प्रस्तावित संशोधन पर उनकी मंशा सही नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘‘संसद द्वारा बनाये गए गुरूद्वारा अधिनियम में संशोधन का दिल्ली सरकार का प्रस्ताव सिखों के धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला है. मैंने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष भी उठाया है. मैंने प्रधानमंत्री से निवेदन किया है कि वह दिल्ली सरकार को यह कदम उठाने से रोकें.’
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में प्रकाश सिंह बादल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर आरोप लगाया है कि वह दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख परमजीत सिंह सरना के इशारे पर काम कर रही हैं. इसके बाद शीला ने कल लुधियाना में आरोप लगाया था कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल दिल्ली गुरूद्वारा चुनावों में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. वह दिल्ली की आबो हवा भी खराब करने की कोशिश कर रहे है.
बादल ने कहा, ‘शीला को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी का चुनाव लडते हैं. इसलिए कमेटी के हर मामले में हस्तक्षेप करने का और बोलने का हमें पूरा अधिकार है.’ उन्होंने यह भी कहा, ‘इतिहास गवाह है कि हम अकालियों ने संघर्ष कर गुरूद्वारा से संबंधित अधिनियम बनवाये और कमेटी गठित करवायी. इसके लिए हमने गिरफ्तारियां भी दी. मुझे लगता है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री को इस पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं है. इसलिए वह ऐसा कह रही हैं.’
बादल ने दावा किया, ‘शीला जी को इस बात का आभास हो चुका है कि दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी में इस बार शिरोमणि अकाली दल का जीतकर आना तय है. इसका असर विधानसभा चुनावों पर भी दिखेगा. इसलिए दिल्ली सरकार जानबूझ कर गुरूद्वारा चुनावों में देरी के लिए ऐसा कर रही है.’
राजग की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर बादल ने कहा, ‘चुनाव अभी दूर है. इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. समय आने पर राजग के घटक दल इस बारे में बैठक कर प्रधानमंत्री का चयन कर लेंगे.’
पंजाब में भ्रष्टाचार से संबंधित आरोपों के एक सवाल के उत्तर में बादल ने कहा कि भ्रष्टाचार मिटाना अकेले सरकार या राजनेता के वश की बात नहीं है. इसके लिए आम लोगों को भी आगे आना होगा. यदि भ्रष्टाचार के संबंध में कोई शिकायत ही दर्ज नहीं कराएगा तो सरकार या प्रशासन क्या करेगा. सरकार या प्रशासन तब दोषी है, जब शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है.
भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर बादल ने कहा, ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.’ इसके साथ ही बादल ने यह भी कहा कि आरोप तो लगते रहते हैं. जब तक आरोप सिद्ध नहीं हो जाता है, तब तक किसी को दोषी नहीं साबित कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आरोप उन पर भी लगते रहे हैं.
इसके बाद समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा भाग सिंह शैक्षिक परिसर को सरकार जल्दी ही विश्वविद्यालय का दर्जा देगी.