पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की.
राहुल ने गुरुवार को कहा था कि पंजाब में हर 10 में से सात युवकों को नशे की समस्या है. एक अकाली नेता ने जब राहुल और उनके जीजा रॉबर्ट वाड्रा का डोप टेस्ट कराने की मांग की तो जवाब में कांग्रेस ने अकाली नेतृत्व से कहा कि वह 'इंकार की मुद्रा' में न आए, बल्कि राज्य के युवाओं में नशे की लत को गंभीरता से लें.
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अकाली दल के महासचिव प्रेम सिंह चंदूमाजारा ने मांग की कि राहुल और वाड्रा का डोप टेस्ट कराया जाए. उन्होंने राहुल से उनकी टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग की. राहुल ने गुरुवार को पंजाब विश्वविद्यालय परिसर में एक युवा रैली को सम्बोधित कहते हुए कहा था कि पंजाब में हर 10 में से सात युवकों को नशीली दवा लेने की समस्या है.
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखीबर सिंह बादल ने शुक्रवार को राहुल के बयान को बकवास बताते हुए कहा कि राहुल ने पंजाब के युवाओं की तौहीन की. बादल ने कहा कि कांग्रेस महासचिव का यह अरिपक्व बयान मीडिया का ध्यान वाड्रा पर लगे आरोपों और कोयला ब्लॉक आवंटन में भ्रष्टाचार से हटाने का प्रयास है.
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उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है. सीमा पार से नशीले पदार्थो की तस्करी रोकने की जिम्मेदारी उसकी है. पंजाब में भारत-पाकिस्तान की सीमा 553 किलोमीटर लम्बी है. जवाब में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने बादल को सलाह दी कि वह इंकार की मुद्रा में आकर नशाखोरी के मुद्दे से भागे नहीं.
उन्होंने कहा कि अकालियों का यह चरित्र है कि वह इंकार की मुद्रा में आ जाते हैं और वास्तविक समस्या से भागते हैं. राहुल के बयान को तर्कसंगत बताते हुए अमरिंदर ने कहा कि अकाली दल की सरकार ने ही 2009 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में स्वीकार किया था कि पंजाब में युवा वर्ग नशाखोरी की समस्या से पीड़ित है. राहुल ने वही बात दोहराई है.