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आपदा को अवसर बनाते रहे हैं केजरीवाल, इस बार क्यों मुश्किल लग रही है राह 

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी सड़क पर उतर गई है और बीजेपी के खिलाफ आक्रमक रुख अपना रखा है. राजनीतिक आपदा को अवसर में बदलने वाले अरविंद केजरीवाल के लिए इस बार सियासी राह आसान नजर नहीं आ रही है, क्योंकि जिन राज्यों में चुनाव है, वहां आम आदमी पार्टी का कोई खास ग्राफ नहीं है.

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अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया

दिल्ली शराब घोटाला मामले में केजरीवाल सरकार के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रविवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. अन्ना आंदोलन से आम आदमी पार्टी के गठन तक के सफ़र में अरविंद केजरीवाल के साथ कंधे के कंधा मिलाकर खड़े रहने वाले मनीष सिसोदिया सीबीआई के सियासी चक्रव्यूह में घिर गए हैं, तो आम आदमी पार्टी ने पूरी तरह सड़क पर उतरकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. और सिसोदिया की गिरफ्तारी को सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल बनाने में जुट गई है, लेकिन आपदा को अवसर में तब्दील कर देने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए इस बार सियासी राह मुश्किल भरी लग रही. 

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सत्येंद्र जैन के बाद मनीष सिसोदिया के रूप में अरविंद केजरीवाल का एक और विश्वस्त सहयोगी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है. गिरफ्तारी की आशंका के बाद से आम आदमी पार्टी बीजेपी और मोदी सरकार पर हमलावर है. सांसद संजय सिंह से लेकर आम आदमी पार्टी के तमाम दिग्गज नेता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आठ घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया, जिसे लेकर आम आदमी पार्टी आक्रमक हो गई है. 

केजरीवाल और भगवंत मान परिवार से मिले

सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने उनके घर पहुंचकर परिवार से मुलाकात की. केजरीवाल पहली बार अपने किसी गिरफ्तार नेता के घर पहुंचे थे. सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर हल्ला बोल रखा है.

इससे यह बात तो साफ जाहिर होती है कि आम आदमी पार्टी इस मामले में फ्रंटफुट पर उतरकर सिसोदिया की गिरफ्तारी का सियासी माइलेज उठाने की कवायद में जुट गई है. 

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सिसोदिया के समर्थन में आम आदमी पार्टी

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को सुबह से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता देशव्यापी स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में AAP के कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय में जुटने लगे हैं और बीजेपी दफ्तर के सामने प्रदर्शन करेंगे तो वहीं पार्टी सिसोदिया पर कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है.

आप दफ्तर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. दिल्‍ली पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. इसके अलावा चंडीगढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश सहित कई शहरों में आम आदमी पार्टी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का विरोध कर रही है. सांसद राघव चड्डा से लेकर संजय सिंह तक बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपना रखा हैं. 

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी भले ही रविवार को हुई हो, लेकिन सीबीआई का संकट उन पर कई महीने पहले से ही गहरा रहा था. सिसोदिया की गिरफ्तारी की तलवार गुजरात और हिमाचल चुनाव से ही लटकी हुई थी, लेकिन उस समय इस बात का डर सता रहा था कि चुनावों के दौरान सिसोदिया को गिरफ्तार करने पर आम आदमी पार्टी को दिल्ली के एमसीडी और गुजरात चुनाव में विक्टिम कार्ड खेलकर राजनीतिक लाभ मिल सकता है. माना जाता है कि सीबीआई ने सिसोदिया से उस समय पूछताछ की थी, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया.  

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सियासी लाभ की आशंका कितनी?

मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने ऐसे समय गिरफ्तार किया है जब कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश है और राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में चुनाव होने हैं. इन चारों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी का कोई खास सियासी प्रभाव नहीं है, जिसके चलते आम आदमी पार्टी को सीधे तौर पर सिसोदिया की गिरफ्तारी का सियासी लाभ मिलना मुश्किल लग रहा है. हालांकि, पार्टी साल के आखिर में होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में उतरने की योजना बना रही थी. 

राजनीतिक माइलेज क्या मिलेगा

सिसोदिया की गिरफ्तारी का सियासी माइलेज उठाने के लिए आम आदमी पार्टी देशभर में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है, लेकिन इस साल होने वाले चुनावों में अरविंद केजरीवाल राज्यों का दौरा करने जा रहे हैं. 4 मार्च को कर्नाटक, पांच को छत्तीसगढ़, 13 मार्च को राजस्थान और 14 मार्च को मध्य प्रदेश के लिए केजरीवाल का दौरा प्रस्तावित है.

सिसोदिया की गिरफ्तारी का मुद्दा केजरीवाल अपने दौरे के दौरान उठा सकते हैं, लेकिन सियासी तौर पर इसका प्रभाव कितना पड़ेगा यह कहना मुश्किल है. इसकी वजह यही है कि आम आदमी पार्टी का इन राज्यों में कैडर बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है. 

AAP का चेहरा सिसोदिया नहीं केजरीवाल 

आम आदमी पार्टी का चेहरा मनीष सिसोदिया नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल हैं. मनीष सिसोदिया पार्टी के थिंक टैंक माने जाते हैं. ऐसे में सिसोदिया की गिरफ्तारी का प्रभाव अरविंद केजरीवाल की पार्टी और दिल्ली सरकार के कामकाज पर जरूर पड़ सकता है, ऐसे में जनता के बीच पार्टी और पार्टी के नेताओं के लिए सहानुभूति उभरेगी यह कहना भी मुश्किल है. 

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पीएम मोदी के खिलाफ हमलावर AAP

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हमला बोलने का बड़ा मौका जरूर दे दिया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पिछले कई महीनों से जेल में है और मनीष की गिरफ्तारी से केजरीवाल पीएम मोदी के खिलाफ और ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करना मोदी सरकार का कायरतापूर्ण परिचय है, ये उनकी कायरतापूर्ण कार्रवाई है. इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'मोदी जी के मित्र अडानी हैं जिन्होंने लाखों-करोड़ का घोटाला किया, लेकिन उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.' 

संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी अपने मुंह से अडानी का नाम क्यों नहीं लेते? आपके पास हिम्मत नहीं कि आप अडानी के खिलाफ कार्रवाई कर सकें. आप सांसद ने आगे कहा कि उनकी सरकार अडानी की नौकर है और हम उनसे नहीं डरते हैं. आपको जितना जेल में डालना हो डालिए, लेकिन आपके भ्रष्टाचार के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे. इस तरह से केजरीवाल भी मोदी सरकार पर जमकर हमले किए.

वहीं केजरीवाल ने दावा किया है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि सीबीआई के ज्यादातर अधिकारी मनीष की गिरफ्तारी के खिलाफ थे. वे सभी उनकी बड़ी इज्जत करते हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने का दबाव इतना था कि उनको (अफसरों) अपने राजनीतिक आकाओं का हुक्म मानना पड़ा. 

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