पंजाब में धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने के मामले में गिरफ्तार हुए आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव को सोमवार को पंजाब पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.
एडीशनल सिविल जज की अदालत में नरेश यादव के वकीलों ने रिमांड का विरोध किया और कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं. हालांकि अदालत ने पुलिस की दलील स्वीकार की और उन्हें रिमांड पर भेज दिया.
गिरफ्तारी के बाद रविवार को पहले उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए एम्स ले जाया गया, बाद में रात करीब 12:30 बजे पुलिस उन्हें लेकर संगरूर के लिए रवाना हो गई थी.
विधायक नरेश यादव की कोर्ट में पेशी से पहले मालेरकोटला में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. AAP कार्यकर्ता विधायक की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए विरोध कर रहे हैं.
'गलत हूं तो मुझे फांसी दे दो'
बता दें कि पंजाब पुलिस की टीम रविवार सुबह से ही AAP विधायक को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पहुंची थी. गिरफ्तारी से पहले यादव ने आज तक से बातचीत में कहा, 'अगर मैं गलत हूं तो मुझे फांसी दे दो.' उन्होंने कहा, मैं जांच में पूरा सहयोग कर रहा हूं लेकिन मेरा इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है.
'नरेश यादव के खिलाफ हैं पर्याप्त सबूत'
AAP विधायक नरेश यादव की गिरफ्तारी के बाद एसपी संगरूर जसकीरत सिंह तेजा ने कहा, 'नरेश यादव के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. आरोपी विजय ने मालेरकोटला मामले में नरेश की भूमिका बताई थी. इनके फोन रिकॉर्ड भी इस बात को साबित करते हैं जेल जाने के बाद विजय ने बयान में फिर नरेश यादव का नाम लिया. हमने कानूनी तौर पर गिरफ्तार किया है.'
'घबरा गई है बादल सरकार'
नरेश यादव ने कहा, 'मालेरकोटला में जब मेरा नाम आया तो मैं जांच के लिए वहां गया. हम डीजीपी से मिले और बताया कि इस मामले में दूर-दूर तक मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं पंजाब में सहप्रभारी का काम कर रहा हूं इसलिए बादल सरकार घबरा गई है.' यादव ने कहा कि धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी से लेकर मैंने कोई शब्द नहीं कहा है. हमारे महरौली में भी सभी धर्म के लोग साथ में रहते हैं.