कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के रसोइए वाले विवाद की आग बढ़ती ही जा रही है. उन्होंने हाल ही में ओपन भीड़ में हिस्सा लेकर 26 करोड़ से ज्यादा रुपए में एक खान खरीदी है. इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर हल्ला बोल दिया है. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कह दिया है कि जब तक राणा गुरजीत सिंह अपने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे तब तक आम आदमी पार्टी पंजाब में धरने प्रदर्शन करती रहेगी और सुबह से विधानसभा से लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री निवास तक एक मार्च भी निकालेगी. उसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता, राणा गुरजीत के घर के बाहर धरना देंगे हालांकि इस मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है जो 1 महीने के भीतर पूरे मामले की जांच सरकार को सौंपेगा. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस शख्स की बैंक खातों में सिर्फ 5000 रुपयें का बैलेंस है वो किस आधार पर 26 करोड़ रुपए की बोली लगाकर खान खरीद सकता है.
आज तक के संवाददाता सतेंद्र चौहान ने 26 करोड़ के इस मामले में राणा गुरजीत सिंह के खानसामे से बातचीत की और जानना चाहा कि किस तरीके से कुछ हजार रुपए महीने कमाने वाला व्यक्ति रातों रात करोड़पति बन सकता है. खानसामे ने कहा मैंने ही ओपन भीड़ में हिस्सा लिया है 26 करोड़ रुपए की बोली लगाकर खान हासिल की है राणा गुरजीत के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है हां मैं पहले राणा गुरजीत के यहां पर काम करता था लेकिन 14 फरवरी को मैंने वहां से नौकरी छोड़ दी है अब मैं कैप्टन रंधावा साहब के साथ काम करता हूं और उन्होंने ही इस बोली के लिए पैसे लगाए हैं.
वहीं आरोप सारे पंजाब के बिजली और सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर लगाए जा रहें हैं जिन्होंने अपने खानसामे अमित बहादुर के जरिए 26 करोड़ 51 लाख रुपए की ऑनलाइन बोली लगाकर रेत की खान का लाइसेंस हासिल कर लिया. हैरानी की बात ये है कि राणा गुरजीत सिंह के घर पर खाना बनाने वाला अमित बहादुर नेपाल का रहने वाला है और चंद हजार रुपए की नौकरी करता है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कैसे इस साधारण से आदमी ने 26 करोड़ रुपए से ज्यादा की बोली लगाकर रेत की खान का लाइसेंस हासिल कर लिया.
उन्होंने कहा कि अगर एक खानसामे को इतना बड़ा कॉन्ट्रैक्ट लाइसेंस हासिल हो जाता है तो ये दिखाता है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने तमाम आम आदमियों को इस ऑनलाइन बोली में शामिल होने का मौका दिया. अगर कोई आम व्यक्ति इतना बड़ा कॉन्ट्रैक्ट लाइसेंस लेकर आगे बढ़ना चाहता है तो इसमें हर्ज ही क्या है.
आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की पंजाब सरकार को इस पूरे मामले में घेरते हुए कहा कि पहले अकाली-बीजेपी सरकार ने खनन माफिया के सहारे इस पूरे सरकारी बिजनेस पर अपना कब्जा जमा रखा था. और अब कांग्रेस भी वही काम कर रही है. तमाम सरकारी व्यापारों पर कांग्रेसी नेताओं का ही वर्चस्व फैलाने की कोशिश की जा रही है.
आम आदमी पार्टी के पंजाब के सीनियर लीडर सुखपाल खैहरा ने कहा कि मंत्री राणा गुरजीत की कंपनी ने करोड़ों की बोली लगाकर जिस तरह से रेत की खानों के कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए हैं. वो ये दिखाता है कि कांग्रेस के नेता और मंत्री अपने गुर्गों के नाम पर तमाम सरकारी बिजनेस पर अपना ही अधिकार रखना चाहते हैं. आम आदमी पार्टी ने इस पूरे मामले को उठाते हुए मंत्री राणा गुरजीत के इस्तीफे की मांग भी कर ली है.
अकालियों के निशाने पर कांग्रेस