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पंजाब: रेत घोटाले पर गर्म हुई सियासत, AAP ने किया हंगामा, मांगा इस्तीफा

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए रेत की खानों की नीलामी की न्यायिक जांच की के आदेश दे दिए हैं लेकिन लगता नहीं है कि आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति में आया ये भूचाल अभी थमने वाला है.

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पंजाब में AAP का प्रदर्शन
पंजाब में AAP का प्रदर्शन

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पंजाब की राजनीति में रेत की खानों की सरकारी नीलामी को लेकर बवाल मचा है. पंजाब की राजनीति में ये हंगामा मचा है वहां के मंत्री राणा गुरजीत के कुक के 26 करोड़ की रेत की खान की नीलामी लगाने को लेकर. आम आदमी पार्टी ने इस मामले में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत के इस्तीफे की मांग कर रही है.

आरोप है कि पंजाब में रेत की खदानों की सरकारी नीलामी के दौरान पंजाब के बिजली मंत्री राणा गुरजीत ने अपने कुक और कुछ अन्य कर्मचारियों के माध्यम से रेत की खानों की बोली लगाई और अपने नौकरों और कर्मचारियों के नाम पर रेत की खानों के ठेके हासिल कर लिए.

आप ने मांगा इस्तीफा
आम आदमी पार्टी इसी बात के विरोध में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत के इस्तीफे की मांग कर रही है. पार्टी ने सरकारी नीलामी के दौरान अनियमितताएं होने का आरोप लगाय है. आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा से लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर तक मार्च करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें विधानसभा के गेट पर ही रोक दिया और पंजाब विधानसभा के नेता विपक्ष एच एस फुल्का, पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान और पार्टी के तमाम 20 विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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ये सब लोग पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर का घेराव करने और कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत के इस्तीफे की मांग को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलना चाहते थे, लेकिन इससे पहले ही इन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि इस दौरान आम आदमी पार्टी के कई विधायक पुलिस की बस से उतर गए और सड़क पर पैदल ही मार्च करने लगे. इस दौरान पुलिस ने इन विधायकों को जब रोकने की कोशिश की तो पहले ये विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और उसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने इन विधायकों को अपनी गाड़ी में डाल कर वहां से हटा दिया.

आप नेताओं संग हुई पुलिस की धक्का-मुक्की
इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों की चंडीगढ़ पुलिस के साथ बहस और धक्का-मुक्की भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने इन सब विधायकों और नेता विपक्ष एच एस फुल्का के साथ पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को गिरफ्तार कर बस में बिठा दिया. CM कैप्टन अमरिंदर सिंह से न मिल पाने और कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत के इस्तीफे का मेमोरेंडम न दिए जाने से नाराज आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कैप्टन सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने और अपने भ्रष्टाचारी मंत्री का साथ देने का आरोप लगाया. आम आदमी पार्टी के विधायक और चीफ व्हिप सुखपाल खैहरा ने अपने हाथों की उंगलियों पर लगी चोट दिखाते हुए चंडीगढ़ पुलिस पर विधायकों से बदसलूकी और धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया.

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पुलिस ने दी सफाई
हालांकि चंडीगढ़ पुलिस ने कहा कि पंजाब के CM ऑफिस की तरफ से आम आदमी पार्टी के विधायकों को CM से मिलने का वक्त नहीं दिया गया था फिर भी यह विधायक जबरदस्ती आगे बढ़ रहे थे इसलिए कानून के मुताबिक इनको आगे जाने से रोक दिया गया और विधायकों के साथ किसी भी तरह की बदसलूकी नहीं की गई.

'आज तक' से गुरजीत के कुक ने की बात
इस पूरे मामले में राणा गुरजीत का कुक अमित बहादुर 'आज तक' के सामने आया और उसने कहा कि वो ना तो कभी भी राणा गुरजीत का कुक रहा है और ना ही उसका पंजाब के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह से किसी भी तरह का कोई लेना-देना है. अमित बहादुर ने कहा कि वो कुछ साल पहले राणा गुरजीत का कर्मचारी हुआ करता था लेकिन वो कभी भी राणा गुरजीत का कुक नहीं रहा और वो आजकल रंधावा नाम के बिजनेसमैन के पास काम करता है और उन्हीं के कहने पर उसने इस रेत की खान की बोली लगाई थी. ये ओपन बिड थी और इस बिड को लगाने के लिए उसे पैसा भी कैप्टन रंधावा नाम के किसी बिजनेसमैन की तरफ से दिया गया था.

बिजली मंत्री ने भी पेश की अपनी सफाई
पंजाब में रेत की खदानों की हुई नीलामी में अपने कुक के शामिल होने और अपने पद के दुरुपयोग को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत ने अपनी सफाई पेश की है. राणा गुरजीत ने कहा कि वो एक बिजनेस मैन भी हैं लेकिन उनकी जानकारी में ये नहीं रहता कि कब कौन कर्मचारी उनकी कंपनी में काम करता है या छोड़ कर चला जाता है और वो किसी अमित बहादुर नाम के व्यक्ति को नहीं जानते. उन्होंने कहा कि उनका रेत की खानों की बिडिंग से कुछ भी लेना-देना नहीं है. अगर किसी अमित बहादुर नाम के व्यक्ति ने भारी-भरकम बोली लगाकर रेत की खानों का टेंडर हासिल कर लिया हो इसमें उनका कोई भी रोल नहीं है. उन्हें ये भी जानकारी नहीं है कि अमित बहादुर नाम का व्यक्ति कब उनका कर्मचारी रहा था और उनकी कंपनी में ऐसे बहुत से कर्मचारी काम करते हैं.

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कैप्टन ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
फिलहाल इस पूरे मामले पर राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है. आम आदमी पार्टी ने राणा गुरजीत के इस्तीफे की मांग की है और रेत की खानों की बोली की जांच करवाने की मांग की है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए रेत की खानों की नीलामी की न्यायिक जांच की के आदेश दे दिए हैं लेकिन लगता नहीं है कि आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति में आया ये भूचाल अभी थमने वाला है.

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