आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मान ने कहा कि कांग्रेस की चन्नी सरकार ने पंजाब को केंद्र सरकार के पास गिरवी रख दिया है क्योंकि मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग के बाद ही बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी करके आधा पंजाब केंद्र ने अपने कब्जे में कर लिया. इसलिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के लोगों के सामने सच रखना चाहिए कि किन कारणों और कमजोरियों के चलते 50% पंजाब पर भाजपा का कब्जा करवा दिया गया.
'क्या मजबूरी थी, जो गिरवी रख आए?'
भगवंत मान पंजाब सरकार द्वारा सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद पंजाब भवन, चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उनके साथ नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और विधायक अमन अरोड़ा भी उपस्थित थे. सांसद भगवंत मान ने सत्ताधारी कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि एनआईए एक्ट और बीएसएफ एक्ट-139 की उप धारा-1, 2 को तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार के समय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम लेकर आए थे. कांग्रेस अब किस मुंह से इसका विरोध कर रही है.
बादल परिवार को निशाना बनाते हुए भगवंत मान ने कहा कि जब ये अधिनियम बनाए गए थे, उस समय पंजाब में अकाली दल बादल-भारतीय जनता पार्टी की संयुक्त सरकार थी. लेकिन बादलों की सरकार ने इन अधिनियमों का कोई विरोध नहीं किया था. इस संबंध में केंद्र द्वारा जारी 5 रिमाइंडर (याद पत्रों) का कोई जवाब देना जरूरी नहीं समझा गया, लेकिन आज विरोध करने का ड्रामा किया जा रहा है.
मान ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पूछा कि उनकी क्या मजबूरी थी, जो वह पंजाब को केंद्र के पास गिरवी रख आए हैं? पंजाब के लोगों को स्पष्ट करें कि क्या डील हुई है? किस फाइल को दिखाकर केंद्र ने आपकी बाजू मरोड़ दी? इसी तरह पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने परिवार के घोटालों की फाइलें देखकर पंजाब के अधिकारों की कोई बात नहीं करते थे और आज भी भाजपा की बोली बोल रहे हैं.
'पंजाब को और कितनी बार बांटोगे'
मान ने केंद्र और पंजाब सरकार को उलाहना देते हुए कहा कि पंजाब को और कितनी बार बांटोगे. पंजाब जो कभी काबुल-कंधार तक फैला था, पहले अंग्रेजों ने इंडिया, फिर हरियाणा-हिमाचल और अब गुरदासपुर, तरनतारन, जालंधर, मोगा और फिरोजपुर तक के जिलों में बांटा जा रहा है. उन्होंने चन्नी को कहा कि अपने निजी हितों के लिए पंजाब के अधिकारों पर और कौन-कौन से डाके मरवाएंगे. जीएसटी, कृषि कानून, पंजाबी भाषा को अनदेखा करने जैसे फैसलों के साथ पंजाब पहले ही लूटा गया है लेकिन अब जल्दी ही ओर नए बिजली अधिनियम थोपे जाएंगे.
'BSF का अधिकार क्षेत्र 15 से 50 किलोमीटर क्यों?'
मान ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ड्रोन-ड्रोन और राष्ट्रीय सुरक्षा का राग अलाप कर पंजाब के बाशिंदों को डराने लगे हुए हैं. जबकि आज सर्वदलीय बैठक के दौरान सरकार द्वारा बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से पंजाब में ड्रोन अधिक से अधिक 4 किलोमीटर तक ही आ सके हैं. बावजूद इसके बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 से 50 किलोमीटर क्यों किया गया? मान के अनुसार अब पंजाब के लोग सब कुछ जानते हैं.
उन्होंने कहा कि पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के साथ अब आधे पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा और बीएसएफ पंजाब के नौजवानों को उठाकर ले जाया करेगी. एनआईए के हवाले कर दिया करेगी और पंजाब सरकार कहेगी कि हमारे अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है, हमें नहीं पता.
'पंजाब के हितों पर डटकर पहरा देगी AAP'
भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोकसभा और राज्यसभा में बीएसएफ के संबंधी कानूनों का विरोध करेगी और पंजाब के हितों पर डटकर पहरा देगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदैव ही राज्यसभा में पैंतरेबाजी करके अपने सदस्यों से वॉकआउट करा देती है और मोदी सरकार अपने बिल पास करा लेती है. मान ने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी सीमावर्ती क्षेत्र में इस कानून के संबंध में स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगी.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भगवान मान ने बताया कि आम आदमी पार्टी पंजाब के हितों और संघीय ढांचे की सुरक्षा के लिए डटकर खड़ी है. उन्होंने कहा कि जब तक पंजाब सरकार और अन्य दल साफ नीयत और स्पष्ट नीति के साथ पंजाब के लिए नहीं लड़ेंगे, उस समय तक `आप' पंजाब के लिए पार्टीबाजी से ऊपर उठकर साथ देगी और सहयोग करेगी. लेकिन जब भी लगा कि दोहरे मापदंड अपनाकर पंजाब की पीठ में चाकू घोंपा जा रहा है. AAP इन सभी का पर्दाफाश भी करेगी.