पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को कहा कि राज्य में सक्रिय एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है और एक प्रमुख सदस्य सहित इसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य संचालक की पहचान गुरविंदर सिंह उर्फ शेरा के रूप में करते हुए कहा कि मॉड्यूल का संचालन मास्टरमाइंड इकबालप्रीत सिंह उर्फ बुची द्वारा किया जा रहा था, जो विदेश में रहता है.
एक बयान में डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने इन चारों को राजपुरा के लिबर्टी चौक से गिरफ्तार किया है. विश्वसनीय इनपुट पर कार्रवाई करते हुए, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रोमोद बान की देखरेख में एजीटीएफ टीमों ने लिबर्टी चौक पर एक चेक पोस्ट स्थापित की, जहां सहायक महानिरीक्षक गुरमीत सिंह चौहान और पुलिस उपाधीक्षक बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में टीमों ने गिरफ्तारियां कीं.
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'तीन पिस्तौल और 13 जिंदा कारतूस बरामद'
यादव ने कहा कि शेरा ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि बुच्ची ने पंजाब में शांति और माहौल को बिगाड़ने के लिए अपराध करने की योजना के साथ गिरोह को एक साथ लाया था. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से तीन पिस्तौल और 13 जिंदा कारतूस मिले और जिस कार में वे यात्रा कर रहे थे उसे जब्त कर लिया गया. बुची के निर्देश पर टारगेट हत्याओं को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप में 2022 में एजीटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शेरा जमानत पर बाहर था.
'बग्गा पर पहले से 11 आपराधिक मामले दर्ज'
गिरफ्तार किए गए तीन अन्य आरोपियों की पहचान तरनतारन के पट्टी निवासी गुरप्रीत सिंह, रणजीत सिंह उर्फ सोनू और जगजीत सिंह उर्फ जशन के रूप में हुई है. बुच्ची मृतक खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में था और रमनदीप बग्गा उर्फ कैनेडियन का करीबी सहयोगी भी है, जो 2016-2017 में सात हत्याओं में मुख्य शूटर था. बग्गा पर हत्या, हत्या के प्रयास, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.