वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस और अन्य एजेंसियां अलग-अलग राज्यों की खाक छान रही है. हालांकि अभी तक सुरक्षा एजेंसियां अमृतपाल तक पहुंचने में असफल रही है. अमृतपाल पुलिस से बचने के लिए लगातार अपना लोकेशन बदल रहा है.
अमृतपाल को लेकर चल रहीं गतिविधियों के बीच 27 मार्च को श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर में एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है. इस बैठक में अलग-अलग सिख संगठनों, टकसालों, संप्रदायों, सिंह सभाओं के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है.
इस बैठक की अध्यक्षता श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह करेंगे. इसमें 60 से 70 सिख संगठन और निहंग जत्थेबंदियों को शामिल होने के लिए संदेश भेजा गया है.
इस मीटिंग में किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे. जिन संगठनों के प्रतिनिधि इस बैठक में नहीं पहुंच सकते वो अपना लिखित सुझाव श्री अकाल तख्त साहिब की ईमेल पर भेज सकते हैं. इसके बाद जत्थेदार कोई अहम फैसला ले सकते हैं.
अमृतपाल के नेपाल भाग जाने का शक
बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि अमृतपाल यूपी के रास्ते नेपाल भाग सकता है. यही वजह है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड के बाद अब नेपाल में उसकी तलाश शुरू की गई है.
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस की टीमें उसको नेपाल में तलाश रही हैं. 20 मार्च को हरियाणा के बाद अमृतपाल आगे कहां गया, इसको लेकर कोई पुख्ता सुराग पंजाब पुलिस के हाथ नहीं लगा है. मगर, ये जानकारी सामने आई कि 23 मार्च को अमृतपाल यूपी के लखीमपुर खीरी में था. यहां से नेपाल बॉर्डर की दूरी कुछ घंटों की है.
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि वो नेपाल ना भाग गया हो. लिहाजा, नेपाल में भी उसकी तलाश शुरू कर दी गई है. उधर, अमृतपाल के साथियों को आज अजनाला कोर्ट में पेश किया गया. यहां उनका मेडिकल करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि उसके दो साथी एचआईवी पॉजिटिव हैं.
यह जानकारी 'वारिस पंजाब दे' की ओर से केस लड़ रहे एडवोकेट बरिंदर सिंह ने दी है. वहीं, अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने भगोड़े अमृतपाल सिंह से पुलिस के सामने सरेंडर करने और जांच में सहयोग करने की अपील की है.