बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत गुरुवार को चंडीगढ़ पहुंचे और अकाली दल के संस्थापक व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने बंद दरवाजे में करीब दो घंटे तक बातचीत की.
इसके अलावा उन्होंने फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह, हॉकी ओलंपियन बलबीर सिंह समेत कई दिग्गज लोगों से मुलाकात की. अरसे बाद चंडीगढ़ पहुंचे अमित शाह ने अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान एक तीर से दो निशाने साधे.
अमित शाह से मुलाकात के बाद सुखबीर सिंह बादल ने बताया कि दोनों ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा की. बादल ने साफ किया कि बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन टाइम टेस्टेड है, जो कि मजबूत है और आगे भी कायम रहेगा.
हालांकि सुखबीर सिंह बादल ने अमित शाह के उस लक्ष्य की बात नहीं की जो उनको चंडीगढ़ खींचकर लाई. दरअसल, अकाली दल और बीजेपी के बीच काफी अरसे से कई मुद्दों पर खींचतान चल रही है. केंद्र सरकार ने पंजाब में अकाली दल की सरकार होते हुए भी बादल को वह जगह नहीं दी, जो उन्हें दी जानी चाहिए थी.
सुखबीर सिंह बादल ने हाल ही में यहां तक कह दिया था कि एनडीए के सहयोगियों के बीच मेल-मुलाक़ातों का अभाव है. इसके अलावा अकाली दल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहा है. क्योंकि केंद्रीय सरकार ने अकाली दल को विश्वास में नहीं लिया था.
उधर एक और बड़े मुद्दे पर भी अकाली दल और बीजेपी के बीच बढ़ती दरार सामने आई. अकाली दल काफी अरसे से स्वर्ण मंदिर समूह के लंगर को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की मांग कर रहा है. हालांकि केंद्र सरकार ने मांग मान ली है, लेकिन तब जब केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपना पद छोड़ने की धमकी दी.
इस दौरान अमित शाह ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं से भी मिले. उन्होंने चंडीगढ़ और पंजाब के पार्टी कार्यालय में जाकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. शाह ने कार्यकर्ताओं में साल 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर जोश भरा.
इसके अलावा अमित शाह ने चंडीगढ़ के कुछ गणमान्य लोगों से भी मुलाकात की. वह फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के घर उनसे मिलने पहुंचे. इसके अलावा हॉकी ओलंपियन बलबीर सिंह और कई दूसरे लोगों से भी मिले.
मिल्खा सिंह अमित शाह से मिलने के बाद खुश नजर आए. मिल्खा सिंह ने कहा कि वो एक खिलाड़ी होने के नाते किसी पार्टी विशेष की तरफदारी नहीं कर सकते है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दूसरे देशों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की.
मिल्खा सिंह ने अमित शाह को कहा कि वह खेलों को बढ़ावा दें और खिलाड़ियों की मदद करें. कुल मिलाकर अमित शाह चंडीगढ़ आकर न केवल बीजेपी और अकाली दल के नेताओं के बीच आई दूरियों को पाटने की कोशिश की, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के भीतर उत्साह भी भरा.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दल कितना कमाल दिखा पाएंगे, फिलहाल भविष्य के गर्भ में है. मगर बीजेपी ने कम से कम अपने राजनीतिक सहयोगियों की सुध ली है, भले ही वह राहुल गांधी के कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के फॉर्मूले से प्रभावित क्यों न हो.