रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को चंडीगढ़ में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा हमला बोला और संविधानिक संस्थाओं का सम्मान करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा, राज्यपाल, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बारे में गलत नही बोलना चाहिए. इससे बचना करना चहिए. पंजाब की कानून व्यवस्था चिंताजनक विषय है. वे यहां केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी की जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
राजनाथ सिंह ने कहा, पंजाब सरकार को केंद्र के साथ सहयोग करके चलना चाहिए. पंजाब बॉर्डर स्टेट है. पंजाब में कानून व्यवस्था जब गड़बड़ होती है तो हम चिंतित होते हैं. पहले कैप्टन अमरिंदर मुख्यमंत्री थे तो कानून व्यवस्था पर हमारे साथ चर्चा करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आज हालात बदल गए हैं. जिस राज्य की कानून व्यवस्था ठीक नहीं है, वो तरक्की नहीं कर सकता. मैं पंजाब और पंजाबियत से अच्छी तरह वाकिफ हूं.
'कानून व्यवस्था पर कदम उठाए पंजाब सरकार'
उन्होंने कहा, मैं सरकार से अपेक्षा करता हूं कि वो कानून व्यवस्था ठीक करेंगे. जब देश की सुरक्षा की बात आती है तो पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के लोग सभी गिले-शिकवे भूल जाते हैं और एक साथ खड़े होते हैं. मुझे उम्मीद है कि यह (पंजाब) सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी, लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं कर रही है.
बीजेपी को यूपी में 'मोदी मित्र मुस्लिमों' की जरूरत क्यों पड़ रही है?
'तो भारत में होता करतारपुर सहिब'
रक्षा मंत्री ने कहा, सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान हमने सीमा पार जाकर आतंकवाद का सफाया किया है. हमने दुनिया को संदेश दिया कि जरूरत पड़ने पर भारत सीमा के इस पार या उस पार कहीं भी जाकर मार सकता है. उन्होंने कहा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पाकिस्तान में है जो पंजाब से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है. अगर बंटवारे के समय कांग्रेस ने जल्दबाजी ना की होती तो करतारपुर साहिब भारत में होता. लेकिन पीएम मोदी ने इस दर्द को समझा है. आज दुनिया में भारत को गंभीरता से सुना जाता है. देश का सम्मान दुनिया में बढ़ा है.
'इसमें सूरज की कोई गलती नहीं है...', अखिलेश यादव पर बीजेपी सांसद का तंज
'पता नहीं क्यों छोड़ा अकाली ने गठबंधन'
राजनाथ ने अकाली दल से गठबंधन पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, आज मुझे प्रकाश सिंह बादल की याद आती है. अब वो हमारे गठबंधन में नहीं हैं. मैं नहीं जानता वो क्या कारण थे, क्यों वो चले गए. हम जिसे साथ में लाते हैं उसका पूरा सम्मान करते हैं. वो भले ही दूर चले जाएं, लेकिन हम किसी को दिल से कभी दूर नहीं करते.
'अर्नगल आरोप ना लगाए विपक्ष'
राजनाथ ने कहा, आज विपक्षी दल इकट्ठा होकर हमारे ऊपर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाते हैं. आप मिलकर लड़ना चाहते हैं, लड़िए. लेकिन अनर्गल आरोप मत लगाओ. लोकतंत्र का गला तब घोंटा गया था, जब इमरजेंसी लगाई गई थी. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए पंजाब में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भगवतं मान सरकार को भी आड़े हाथों लिया.
'भरोसे लायक नहीं पाकिस्तान, हथियार देने की गलती न करें', रक्षा मंत्री राजनाथ ने अमेरिका को चेताया
'25 जून को बैठक करता विपक्ष तो...'
उन्होंने पटना की बैठक पर कहा, बेहतर होता कि वे (विपक्षी दल) 25 जून को बैठक करते. तब वे कम से कम आपातकाल की सालगिरह तो मना पाते. विपक्ष मोदी और बीजेपी सरकार को हटाना चाहता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी को लोगों का विश्वास हासिल है. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा, उन्होंने लोकतंत्र पर सबसे बड़ा प्रहार किया और अब कह रहे हैं कि मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है.
'जुगनुओं ने शराब पी ली है...'
उन्होंने आगे कहा, मैं कांग्रेसियों से पूछना चाहता हूं कि अगर मोदी जी लोकतंत्र खत्म कर रहे थे तो वे हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक में चुनाव कैसे जीत सकते थे. अगर मोदी लोकतंत्र खत्म कर रहे थे तो वे छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कैसे जीत गए. उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक का जिक्र किया और कहा, 'जुगनुओं ने शराब पी ली है, अब वो सूरज को भी गालियां देंगे.' हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया, मैं किसी को 'जुगनू' नहीं कह रहा हूं.
प्रियंका गांधी ने की नर्मदा नदी की पूजा, राजनाथ सिंह ने बताया 'मौसमी हिंदू'
राजनाथ ने कहा, आपातकाल के दौरान उन्होंने 18 महीने जेल में बिताए और उसी दौरान उन्होंने अपनी मां को भी खो दिया. पंजाब के बारे में उन्होंने कहा, यह राज्य बीजेपी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. जब भी सीमावर्ती राज्य में कानून-व्यवस्था का कोई मुद्दा होता है तो सरकार इसके बारे में चिंता होती है.
'अब मजबूत भारत है'
मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर सिंह ने कहा, एक समय था जब विश्व मंच पर भारत को गंभीरता से नहीं लिया जाता था. लेकिन आज जब भारत विश्व मंचों पर बोलता है तो दुनिया हमारी बात सुनती है. दुनिया में भारत का कद बढ़ा है. अब भारत कमजोर नहीं है, यह एक मजबूत भारत है. यह मोदी ही थे जिन्होंने यूक्रेन युद्ध के कारण वहां फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला. रूस और यूक्रेन के बीच साढ़े चार घंटे तक युद्ध रोका गया.