संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) पंजाब की एक आपातकालीन बैठक गुरुवार को बलदेव सिंह निहालगढ़, वीर सिंह बरहवान और कुलदीप सिंह गरेवाल की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री के रवैये की कड़ी निंदा की गई. इस बात पर स्पष्ट रूप से जोर दिया गया कि उठाई गई मांगें सीधे पंजाब से संबंधित हैं और इनका समाधान केवल मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के जरिए ही हो सकता है.
मुख्यमंत्री द्वारा यह दावा कि ये मांगें केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, पूरी तरह से झूठा माना गया. किसान नेताओं की गिरफ्तारी की भी निंदा की गई और सरकार को संयम से काम लेने और किसानों की चिंताओं को सुनने की सलाह दी गई.बैठक के समापन पर मुख्यमंत्री को खुली बहस के लिए चुनौती देने का फैसला किया गया.
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सीएम को दी बहस की चुनौती
एसकेएम ने कहा कि जब भी और जहां भी मुख्यमंत्री फैसला करेंगे, वे पांच किसान नेताओं के साथ बहस में भाग लेने के लिए तैयार हैं. 10 मार्च को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक विधायकों और मंत्रियों के आवासों के बाहर चेतावनी भरे प्रदर्शन किए जाएंगे. 7 मार्च को दोपहर 12 बजे जिला स्तरीय समन्वय समितियों की संयुक्त बैठक होगी. एसकेएम की अगली बैठक 15 मार्च को सुबह 11:30 बजे चंडीगढ़ में होगी.
यह भी तय किया गया कि करीब डेढ़ दर्जन स्थानों पर चल रहे विरोध प्रदर्शन आज शाम तक समाप्त कर दिए जाएंगे. बैठक में बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्ज गिल, हरिंदर सिंह लाखोवाल, जगवीर सिंह चौहान, हरमीत सिंह कादियान, रमिंदर सिंह पटियाला, समेत अन्य नेता मौजूद रहे.