पंजाब में कांग्रेस का अंदरूनी कलह एक बार फिर सामने आया है. दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है. सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रहे हैं.
मलविंदर सिंह को कैप्टन अमरिंदर सिंह का आलोचक माना जाता है. उन्होंने सिद्धू का सलाहकार बनने के कुछ घंटों बाद ही ये बयान दिया. माली ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा, 'पंजाबियों होशियार और खबरदार हो जाओ. कैप्टन, अमित शाह और मोदी की तिकड़ी के द्वारा पंजाब के अंदर अविश्वास, सांप्रदायिक तनाव, डर और दहशत पैदा करने के संकेत हैं. यह पंजाबियों और किसानों के लिए खतरे की घंटी है.
माली ने की ममता बनर्जी की तारीफ
दूसरी फेसबुक पोस्ट में माली ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की और कैप्टन अमरिंदर की आलोचना. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देखिए, वे सर ऊंचा करके फासीवादी मोदी सरकार के खिलाफ लड़ रही हैं. वहीं, पंजाब के सिपाही कप्तान ने मोदी, शाह और डोभाल के साथ हाथ मिला लिया है.
माली ने कहा, कैप्टन दावा कर रहे हैं कि उन्होंने चुनाव के दौरान किए हुए वादों में से 93% पूरे कर दिए हैं. लेकिन यह सच्चाई नहीं है. वहीं, जब माली से पूछा गया कि वे अमरिंदर सिंह पर हमला क्यों बोल रहे हैं, तो माली ने दावा किया कि उन्होंने यह पोस्ट सलाहकार बनने से पहले लिखी थी.
माली ने दी सफाई
माली ने अमरिंदर सिंह पर हमला बोलने के बाद सफाई में कहा, सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही पोस्ट पुरानी है. मैं ना तो कांग्रेस का प्रवक्ता हूं और ना ही पार्टी का सदस्य. दिलचस्प बात यह है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पर गंभीर आरोप लगाने से काफी पहले माली को सलाहकार घोषित किया गया था.
माली को हटाने की उठी मांग
उधर, अमरिंदर सिंह के खेमे के नेताओं ने मलविंदर सिंह माली के बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्हें हटाने की मांग की है. कैप्टन ने सिद्धू के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा कि इस बयान से पार्टी को नुकसान पहुंचेगा. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं से मिलकर काम करने के लिए कहा है.