खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह एक महीने से भी अधिक समय से पंजाब पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था. पंजाब पुलिस के साथ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का लुका-छिपी का खेल खत्म हो गया है. पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को मोगा जिले के रोड़ेवाला गुरुद्वारा से गिरफ्तार कर लिया है.
अमृतपाल को पंजाब पुलिस अमृतसर ले गई है जहां से उसे असम के डिब्रूगढ़ भेजे जाने की तैयारी है. अमृतपाल समर्थक की गिरफ्तारी के बाद अजनाला में थाने पर हुए हमले और इसमें कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की घटना से सबक लेते हुए पंजाब पुलिस पूरी एहतियात बरत रही है. पंजाब के कई जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे नामक संगठन के प्रमुख भगोड़े अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिए जाने की जानकारी देते हुए पंजाब पुलिस ने एक ट्वीट किया है. पंजाब पुलिस ने इस ट्वीट में लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. पंजाब पुलिस ने इस ट्वीट में साथ ही ये अपील भी की है कि कोई भी फेक सूचना शेयर ना करें और हमेशा सूचना की पुष्टि करने के बाद ही इसे साझा करें.
कैसे पकड़ा गया अमृतपाल
पंजाब पुलिस को चकमा देकर शहर-शहर, राज्य-राज्य भागते रहे अमृतपाल को मोगा जिले के रोड़े गांव स्थित रोड़ेवाला गुरुद्वारा से गिरफ्तार किया गया. बताया जाता है कि वह शनिवार को ही रोड़े गांव स्थित गुरुद्वारा पहुंचा था. अमृतपाल ने गुरुद्वारे में पहुंचकर प्रवचन भी दिया और इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अमृतपाल के रोड़ेवाला गुरुद्वारा में होने की जानकारी पूर्व जत्थेदार जसवीर सिंह ने पुलिस को दी.
अजनाला में क्या हुआ था
अजनाला पुलिस ने बरिंदर सिंह को अगवा कर मारपीट करने के मामले में वारिस पंजाब दे संगठन से जुड़े लवप्रीत तूफान को हिरासत में लिया था. लवप्रीत तूफान को हिरासत में लिए जाने के बाद 23 फरवरी को संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने हाथों में तलवार और लाठी-डंडे लिए हजारों समर्थकों के साथ थाने पर हमला बोल दिया था. इस हमले में छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे. अजनाला पुलिस को लवप्रीत तूफान को रिहा करना पड़ा था.
इस घटना के बाद पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार की खूब किरकिरी हुई थी. पंजाब पुलिस ने इस घटना को लेकर केस दर्ज कर लिया था और अमृतपाल के साथ ही उसके संगठन की कुंडली खंगालने में भी जुट गई थी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब पुलिस का बचाव करते हुए कहा था कि थाने पर हमला करने वाले हाथ में गुरुग्रंथ साहिब लेकर गए थे और पुलिस ने अच्छा काम किया.
जांच के दौरान सामने आया था ISI कनेक्शन
अजनाला की घटना के बाद कई मीडिया इंटरव्यू में अमृतपाल ने खालिस्तान की मांग उठाई और गृह मंत्री अमित शाह पर भी हमला बोला. जांच के दौरान एजेंसियों को अमृतपाल का आईएसआई कनेक्शन भी मिला था और उसके अपनी प्राइवेट आर्मी आनंदपुर खालसा फोर्स बनाने की बात भी सामने आई थी. अमृतपाल को विदेशों से फंड मिलने, इस फंड से अवैध हथियार और 35 बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदे जाने के साथ ही मानव बम बनने के लिए युवाओं का ब्रेन वॉश किए जाने की जानकारी भी सामने आई थी.
गिरफ्तारी के लिए 18 मार्च को शुरू हुआ था ऑपरेशन
इन सबके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगा दिया था. पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन शुरू किया था. सात जिलों की पुलिस, पुलिस की 50 से अधिक गाड़ियां अमृतपाल और उसे समर्थकों के पीछे लग भी गई थी लेकिन वह हाथ नहीं आ सका था. वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकलने में सफल रहा था. उसकी गिरफ्तारी के लिए हरियाणा और उत्तराखंड तक अलर्ट जारी किया गया था. नेपाल सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई थी.