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फाइनेंस के जुगाड़ से साजिश की प्लानिंग तक... अमृतपाल की खालिस्तानी साजिश के 9 मास्टरमाइंड

'वारिस पंजाब दे' का स्वघोषित चीफ अमृतपाल सिंह ज्यादा समय तक फरार नहीं रह पाएगा. पुलिस एक-एक करके उसके करीबियों को पकड़ती जा रही है. पुलिस अब तक उसके 207 समर्थकों और सहयोगियों को अरेस्ट कर चुकी है. इसके अलावा पुलिस अमृतपाल के विदेशी फंडिंग के सोर्स का भी पता लगा रही है. पुलिस की गिरफ्तारियों और पड़ताल में कुछ ऐसे चेहरों का भी पता चला है जो उसकी साजिश के मास्टरमाइंड कहे जा रहे हैं.

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अमृतपाल सात दिन से है फरार, उसकी लगातार की जा रही मदद (सहयोगियों की फाइल फोटो)
अमृतपाल सात दिन से है फरार, उसकी लगातार की जा रही मदद (सहयोगियों की फाइल फोटो)

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पिछले सात दिन से फरार चल रहा है. उसके 8 राज्यों में से कहीं छुपे होने की आशंका है. सूत्रों के अनुसार, वह पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में से कहीं छिपा हो सकता है. विदेश न भाग पाए, इसलिए पाकिस्तान और नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षाबलों को भी अलर्ट कर दिया गया है.

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चुस्त नाकाबंदी, वाहनों की चेकिंग और लगातार पेट्रोलिंग के बाद भी वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा है. दरअसल पुलिस से बचने में उसकी हर कदम पर मदद की जा रही है. हालांकि पुलिस हर दिन उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी कर रही है. आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि वे कौन किरदार हैं, जो अमृतपाल की खालिस्तानी साजिश के लिए फंडिंग से लेकर प्लानिंग तक का काम संभाल रहे थे.

किरणदीप कौर: यह अमृतपाल की पत्नी है. इसी साल 10 फरवरी को दोनों की शादी हुई है. पुलिस को आशंका है कि किरणदीप को अमृतपाल को हो रही विदेशी फंडिंग की जानकारी है. इसके अलावा, खुफिया एजेंसियों को इस बात की आशंका है कि किरणदीप कौर आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) और 'वारिस पंजाब दे' के लिए धन जुटाने का काम करती थी. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने दो दिन पहले कथित विदेशी फंडिंग के मामले में किरणदीप कौर से करीब एक घंटे पूछताछ भी की है.

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Amritpal Singh Khalistan

पप्पलप्रीत सिंह: इसे अमृतपाल का मेन हैंडलर कहा जा रहा है. अमृतपाल इसे अपना मेंटर मानता है. पप्पलप्रीत के कहने पर ही अमृतपाल ने कट्टरपंथी सिख उपदेशक से एक साधारण व्यक्ति का रूप लिया. जींस-टीशर्ट पहकर फरार हो गया. वह पंजाब में खालिस्तान का माहौल खड़ा करने के लिए आईएसआई के सीधे संपर्क में था. वह राज्य में आतंकवाद की साजिश कर रहा था.

दलजीत सिंह कलसी: वह अमृतपाल का फाइनेंसर है. दलजीत आईएसआई और अमृतपाल के बीच की अहम कड़ी भी है. वह पाकिस्तान के कई देशों में स्थित महावाणिज्य दूतावासों में तैनात अफसरों से संपर्क में था. विदेश से फंडिग के लिए उसने स्टर्लिंग इंडिया एजेंसी नाम की एक कंपनी बनाई थी. पड़ताल में पता चला कि पिछले दो साल में विदेश से करीब 35 करोड़ रुपये उसने जुटाए थे. इस राशि का बहुत सा हिस्सा उसने अमृतपाल और वारिस पंजाब दे पर खर्च किया था.

भगवंत सिंह: वह अमृतपाल का सोशल मीडिया मैनेजर और मीडिया कॉर्डिनेटर है. अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में उसकी बड़ी भूमिका थी. वह खुद को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर बताता है. उसके फेसबुक पर करीब 6.11 लाख फॉलोअर हैं. फिलहाल पुलिस ने उसके इंस्टाग्राम, यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया है. पुलिस ने उसे एनएसए के तहत अरेस्ट किया है.

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गुरमीत सिंह: आरोप है कि गुरमीत ने अमृतपाल के लिए लोकल नेटवर्क खड़ा करने में मदद की थी. इसके अलावा 18 मार्च को उसे भगाने में भी हर तरह के इंतजाम किए थे. फिलहाल पुलिस ने उसे एनएसए के तहत गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा है. 

तूफान सिंह: वारिस पंजाब दे का सक्रिय सदस्य है और अमृतपाल सिंह बेहद करीबी भी. आरोप है कि लवप्रीत तूफान ने अमृतपाल के खिलाफ टिप्पणी करने पर एक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था. यह अमृतपाल के लिए लोगों को डराने-धमकाने का काम करता था. अमृतपाल ने तूफान सिंह को रिहा कराने के लिए 24 फरवरी को अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था. 

हरजीत सिंह: वह अमृतपाल का चाचा है और कट्टर खालिस्तान समर्थक नेता. अमृतपाल सबसे पहले जिस कार से भागा था, उसे हरजीत ही चला रहा था. अमृतपाल दुबई में उसी के साथ काम करता था. अमृतपाल के पंजाब लौटने के कुछ महीनों के भीतर ही हरजीत भी लौट आया था. ऐसी आशंका है कि हरजीत को अमृतपाल को दुबई से पंजाब भेजने की साजिश की पूरी जानकारी है और वह भी इसका हिस्सा है. भले ही हरजीत ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया हो लेकिन, इसके पीछे भी साजिश एक एंगल को भी खंगाला जा रहा है.

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कुरुक्षेत्र और जालंधर में दिखाई दिया था अमृतपाल

बलजीत कौर: अमृतपाल जब पंजाब से फरार हुआ तो वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गया था. वह यहां 32 वर्षीय बलजीत कौर के घर पर रुका था. वह यहां 19 मार्च से 21 मार्च तक ठहरा था. रात को खाना खाते वक्त बलजीत कौर के भाई ने अमृतपाल को पहचान लिया था, लेकिन सबने मिलकर बलजीत के भाई को शांत करवा दिया था. उसका भाई एसडीएस कार्यालय में काम करता है. अमृतपाल ने बलजीत कौर और उसके भाई के फोन से कुछ नंबरों पर फोन कॉल किया था. कॉल करने के बाद मोबाइल से नंबर डिलीट कर दिया. बलजीत कौर ने एमबीए किया हुआ है. वह इंस्टाग्राम के जरिये अमृतपाल के संपर्क में आई थी.

तेजिंदर सिंह: वह अमृतपाल का खास गुर्गा है. वह हर वक्त उसकी सुरक्षा में तैनात रहता था. अजनाला केस में भी तेजिंदर आरोपी है. तेजिंदर पहले भी जेल जा चुका है. इसके खिलाफ पहले से लड़ाई और शराब तस्करी का मामला दर्ज है. तेजिंदर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो भी पोस्ट करता है.

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158 बैंक खातों से विदेशी फंडिंग का शक

अमृतपाल को विदेशी फंडिंग की आशंका को लेकर केंद्रीय और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां पड़ताल में जुट गई हैं. पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग अमृतपाल सिंह, उसके पूरे खानदान और सहयोगियों द्वारा किए गए वित्तीय लेन-देन की जानकारी जुटा रही है. पुलिस को सूचना मिली है कि अमृतपाल के परिवार और करीबी सहयोगियों को 158 भारतीय और विदेशी बैंक खातों से फंडिंग हुई है. अकेले 5 करोड़ रुपेय 5 बैंक खातों से भेजे गए हैं. वहीं अमृतपाल के फाइनेंसर जलजीत सिंह को पिछले दो साल में 35 करोड़ रुपये मिले हैं. अब इन खातों की जांच के लिए कपूरथला, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर और जालंधर की पुलिस और सिविल अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई गई है. इसके अलावा पुलिस संपत्तियों की भी जांच कर रही है.

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अमृतपाल के पोस्टर लगाए गए

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर लगे अमृतपाल के पोस्टर

अमृतपाल सिंह के पाकिस्तान या नेपाल भागने की आशंका भी है. इस बीच यूपी के बहराइच जिला के इंडो-नेपाल बॉर्डर रूपईडीहा के सभी एसएसबी बॉर्डर चेकपोस्ट पर अमृतपाल सिंह और उसके दो साथियों के पोस्टर लगा दिए गए हैं. वहीं उत्तराखंड की उधम सिंह नगर पुलिस भी अमृतपाल को लेकर हाई अलर्ट मोड पर है. इसके अलावा पंजाब में अमृतपाल समेत पांच आरोपियों के पोस्टर पंजाब पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर लगा दिए गए हैं. लोगों से अपील की जा रही है कि किसी भी व्यक्ति को पोस्टर में लगे लोग दिखाई दे, तो तत्काल पुलिस को सूचना दें. 

अमृतपाल के 207 समर्थक पकड़े जा चुके

पंजाब पुलिस के IG हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल के मुताबिक अमृतपाल के अब तक 207 साथियों को पड़ा जा चुका है. इनमें 30 आरोपी गंभीर अपराधों में लिप्त रहे हैं. वहीं 177 लोगों के खिलाफ प्रिवेंटिव एक्शन लिया गया है.

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