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5000 जवानों का पहरा, 150 बस स्टैंड और 300 डेरों में तलाशी, अमृतपाल की गिरफ्तारी का यह है प्लान

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह 21 दिन से फरार है लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस जल्द ही उसे अरेस्ट कर सकती है. वहीं जिस श्री अकाल तख्त साहिब से उसने मदद की उम्मीद थी, उसी ने अमृतपाल को सरेंडर करने के लिए कह दिया है. इधर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पंजाब के चप्पे-चप्पे पर ऐसा पहरा बैठा दिया है, जिससे अब उसका बचकर निकल पाना बेहद की मुश्किल हो गया है. 

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अजनाला हिंसा में आरोप है अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो)
अजनाला हिंसा में आरोप है अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो)

तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब में शुक्रवार को विशेष बैठक बुलाई गई थी. चर्चा थी कि 21 दिन से फरार खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह सरेंडर कर देगा लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. इसकी सबसे बड़ी वजह पुलिस की सख्त पहरेदारी हो सकती है. पुलिस तलवंडी साबो के बाहर फ्लैग मार्च करती रही. दरअसल पुलिस चाहती है कि अमृतपाल को सरेंडर करने से पहले ही अरेस्ट कर लिया जाए.  

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पुलिस उसकी तलाश में पंजाब के डेढ सौ से ज्यादा बस स्टैंड पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. इतना ही नहीं पाकिस्तान भागने की आशंका के चलते पांच हजार से ज्यादा पुलिसवाले पाकिस्तान से सटे पंजाब के सीमावर्ती गांवों में तलाशी अभियान चला रहे हैं. इसके अलावा अटारी, अजनाला, रमदास, बाबा बकाला, खेमकरन, पट्टी, भिखीविंड, खासा जैसी जगहों में जबरदस्त नाकेबंदी की गई है.

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पुलिस की यह भी कोशिश है कि अमृतपाल किस भी धार्मिक स्थल में प्रवेश न कर पाए. उसके जिन-जिन इलाकों में छुपे होने की आशंका है, पुलिस वहां सर्चिंग कर रही है. उसे पकड़ने के लिए पंजाब के 300 डेरों की तलाशी ली जा रही है. खासकर जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और बठिंडा के डेरों में सघन चेकिंग चल रही है.

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अमृतपाल को पकड़ना पुलिस के लिए नाक का सवाल हो गया है, इसलिए 14 अप्रैल तक सभी पुलिस अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है. अगर किसी को पहले ही छुट्टी दे दी गई हो, तो उसे भी रद्द कर दिया गया है. 

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चार जगहों पर कर सकता है सरेंडर 

अमृतपाल 18 मार्च से फरार है. हालांकि अब वह पूरी तरह से कमजोर पड़ता दिख रहा है. पुलिस उसके ज्यादातर साथियों को पकड़ चुकी है. उसे गाइड करने वाला उसका गुरु पप्पलप्रीत भी अब उससे अलग हो चुका है. जत्थेदार का चोला ओढ़ने वाला अमृतपाल एक लड़की के साथ की चैट वायरल होने के बाद बेनकाब हो चुका है. लोग जान चुके हैं कि वह फ्रॉड है. वह बस धर्मा का सहारा ले रहा है.

पिछले दिनों उसने अपना वीडियो जारी कर सरबत खालसा बुलाने और सिख समुदायों को एकजुट होने की अपील की थी लेकिन अकाल तख्त, DSGMC (दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी), दल खालसा समेत कई अन्य संगठनों ने उसकी मांग को मानने से इनकार कर दिया है.

अब अमृतपाल के पास पुलिस के सामने आने के और कोई विकल्प नहीं बचा है. ऐसे में माना जा रहा है कि वह कानून से राहत पाने के लिए बैसाखी पर पंजाब के चार तख्तों श्री अकाल तख्त साहिब, तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो और आनंदपुर साहिब में से कहीं पर भी पहुंचकर लोगों के सामने सरेंडर होने का ऐलान कर सकता है. 

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गिरफ्तारी दिखाने पर कहीं भड़क न जाए अकाल तख्त

तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब में बुलाई गई विशेष बैठक के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह को जल्द ही पुलिस के सामने सरेंडर करना चाहिए. उसे अकाल तख्त में आत्मसमर्पण की अनुमति नहीं दी जाएगी और न ही उसके सरेंडर के लिए पुलिस से बातचीत की जाएगी.

ऐसे में अगर अमृतपाल सरेंडर करने के इरादे से सामने आए लेकिन सरेंडर से पहले ही पुलिस उसे अरेस्ट कर लेती है तो ऐसे में यह देखना होगा कि अकाल तख्त पुलिस की ऐसी कार्रवाई पर क्या रुख अपनाती है. वैसे अकाल तख्त अमृतपाल केस में अरेस्ट किए गए 360 आरोपियों के मामले में दखल दे चुका है. अकाल तख्त ने  27 मार्च को भगवंत मान सरकार को चेतावनी देते हुए 24 घंटे में 'निर्दोष' नौजवानों को छोड़ने की बात कही थी, जिसके बाद 348 आरोपियों को छोड़ दिया गया था.

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पंजाब में रोकोगे तो US से आवाज उठाएंगे

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब सरकार से अपील की है कि दहशत जैसा माहौल न पैदा करें. इससे पंजाब या पंजाबियों की नहीं पंजाब सरकार की छवि खराब हो रही है. बैसाखी वाले दिन अमृतपाल का नाम लेकर जो पैनिक किया जा रहा है, सरकार उससे गुरेज करे. इसके बाद उन्होंने कहा कि पंजाबी बोलते रहेंगे, आप आवाज को दबा नहीं सकते. पंजाब में रोकोगे तो महाराष्ट्र से, यूएस से आवाज उठेगी. हम आतंकवादी नहीं हैं, अपनी आवाज उठाने के लिए सभी मंचों का इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कहा कि पंजाब में पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. सभी को दमदमा साहिब भेज दिया गया है. यहां क्या होगा? सिख राज के झंडे को खालिस्तान का बताकर बदनाम किया जा रहा है.

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ऐसे कैसे चर्चा में आया अमृतपाल

अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे'संगठन का चीफ है. वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है. वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इसपर कब्जा कर लिया. उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया. अमृतपाल का ISI लिंक बताया जा रहा है. उसके भारत में अशांति फैलाने के लिए विदेश फंडिंग हो रही है.

अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था. उसने अजनाला में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ थाने पर हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी. इतना ही नहीं अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी. 
 

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