पंजाब के अमृतसर में रावण दहन कार्यक्रम के दौरान भीषण रेल हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इस हादसे के बाद स्थानीय विधायक नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी और पेशे से डॉक्टर नवजोत कौर निशाने पर आ गई हैं.
इस बीच, सोशल मीडिया पर डॉ. नवजोत कौर का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह एक मरीज का इलाज करती हुई नजर आ रही हैं. कांग्रेस सेवादल के ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से भी इस वीडियो को शेयर किया गया है. दावा किया जा रहा है कि नवजौत कौर रेल हादसे में घायलों का इलाज करने अस्पताल में पहुंची हैं. बता दें कि नवजोत कौर पेशे से डॉक्टर हैं.
श्रीमती नवजोत कौर जी घायलों की देखभाल और इलाज करती हुई। श्रीमती नवजोत कौर ने ये भी कहा वह सारी रात आज हस्पताल में रहेंगी और पीड़ितों वो पीड़ित परिवार की मदद करती रहैगी।#Amritsar #trainaccident pic.twitter.com/icF5NHXw3Y
— Congress Sevadal (@CongressSevadal) October 19, 2018
दरअसल, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रावण दहन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता डॉ. नवजोत कौर मंच पर मौजूद थीं लेकिन घटना के बाद कार लेकर मौके से चली गईं. वहीं कुछ लोग यह आरोप भी लगा रहे हैं कि नवजोत कौर के कार्यक्रम में देरी से पहुंचने की वजह से यह हादसा हुआ है. स्थानीय लोगों ने नवजोत कौर के खिलाफ नारेबाजी की और उनका इस्तीफा तक मांगा है.
हालांकि, नवजोत कौर ने इन सभी आरोपों पर सफाई दी है. नवजोत कौर ने अस्पताल से बताया कि वहां से निकलने के 15 मिनट बाद हादसे के बारे में पता चला और वह घटनास्थल पर लौटने के लिए तैयार थीं. लेकिन कमिश्नर ने बताया कि वहां पथराव हो रहा है और इसी वजह से वो अस्पताल आकर घायलों का हाल-चाल लेने लगीं. उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मदद के लिए भी यहां किसी का रहना जरूरी था और मैं आज रात यहीं रहकर इनके साथ रहूंगी.
नवजोत कौर ने बताया कि ट्रेन ने न तो हॉर्न दिया और न ही ट्रेन को धीमा किया गया. उन्होंने कहा कि हर साल वहां दशहरा होता है और अकाली सरकार में भी इसी जगह रावण दहन किया जाता था. उन्होंने कहा कि लोगों को हमने ट्रैक पर नहीं बैठाया और न ही ट्रेन चढ़ाई, ये हमारे इलाके के लोग हैं और हम इनके दुख दर्द में साथ हैं. कौर ने कहा कि इस पर राजनीति करने वालों को शर्म आनी चाहिए.
ये हादसा अमृतसर और मनावला के बीच फाटक नंबर 27 के पास हुआ. दरअसल, शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे अमृतसर के चौड़ा बाजार स्थित जोड़ा फाटक के रेलवे ट्रैक पर लोग मौजूद थे. पटरियों से महज 200 फीट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था. इसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन नंबर 74943 वहां से गुजरी.
ट्रेन की रफ्तार करीब 100 किमी. प्रति घंटा थी. तेज रफ्तार इस ट्रेन ने ट्रैक पर मौजूद लोगों को कुचल दिया और देखते ही देखते 150 मीटर के दायरे में लाशें बिछ गईं. हादसे के बाद अभी तक 60 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक 40 शव सिविल अस्पताल में और 19 शव गुरुनानक अस्पताल में रखे गए हैं.