अमृतसर ट्रेन हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इस हादसे में मारे गए अधिकतर लोग यूपी और बिहार के रहने वाले थे. इनमें से कई लोग परिवार से दूर अकेले यहां रहते थे, इस वजह से उनके शवों की पहचान भी नहीं हो पा रही है.
यह भी पता चला है कि आसपास के इलाके में प्रवासी लोगों की संख्या ज्यादा थी. प्रशासन 59 लोगों के मरने की पुष्टि कर चुका है लेकिन यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि इनमें से कितने शवों की शिनाख्त कर ली गई है. अभी कई लोग अपनों को तलाश रहे हैं. फिलहाल प्रशासन ने मरने वालों या पहचाने गए शवों की पूरी लिस्ट जारी नहीं की है.
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प्रशासन यह नहीं बता पाया है कि मरने वालों के नाम क्या हैं और कौन कहां का रहने वाला था. अनुमान है कि अमृतसर के बाहर के लोग यहां ज्यादा रहते थे और मरने वालों में उनकी संख्या ज्यादा है. बता दें कि शुक्रवार को रावण दहन देखने के लिए लोग पटरियों के पास इकट्ठा हुए थे. तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो गई.
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कैसे हुआ हादसा?
ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि रावण के पुतले को आग लगाने और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ना शुरू हो गए जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. वहां अचानक ट्रेन आने से ट्रेन कई लोगों को रौंदती हुई आगे चली गई.