रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अमृतसर ट्रेन हादसे की किसी भी तरह की जांच से इनकार किया है. घटना में गेटमैन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जिस जगह पर हादसा हुआ है, वह रेल फाटक से 300 मीटर दूर है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना में रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का जिम्मा है और लोगों को रेलवे ट्रैक पर जमा नहीं होना चाहिए था, जबकि हादसे के वक्त लोग ट्रैक पर थे.
रफ्तार से ही चलती हैं ट्रेनें- सिन्हा
मनोज सिन्हा ने कहा कि इस मामले में किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए, यह काफी दुखद घटना है. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि रेलवे को इस कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं है. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या ड्राइवर ट्रेन की रफ्तार धीमी कर सकता था तो उन्होंने कहा कि पहले ही ड्राइवरों को बता दिया जाता है कि उन्हें ट्रेन की रफ्तार कहां कम करनी है. मनोज सिन्हा ने कहा कि घटना के वक्त सांझ हो चुकी थी और वहां कि पटरी भी घुमावदार थी, ड्राइवर को आगे भी नहीं दिखाई पड़ रहा होगा. ट्रेन की रफ्तार के बारे में उन्होंने कहा कि ट्रेनें तो स्पीड से ही चलती हैं.
Ppl should restrain from organising such events near tracks in future.Drivers are given specific instructions on where to slow down.There was a curve, driver couldn't have seen it.About what should we order an inquiry?Trains travel in speed only: M Sinha on #AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/5s1PMrZCHV
— ANI (@ANI) October 20, 2018
किस बात की इनक्वायरी?- सिन्हा
इस मामले में पत्रकारों ने जब गेटमैन के खिलाफ कार्रवाई की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि जिस जगह पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था वहां से रेल फाटक 300 मीटर दूर है. इस मामले में जब रेल मंत्रालय की तरफ से जांच की बात पूछी गई तो मंत्री ने साफ-साफ कहा, "किस बात की इनक्वायरी हम कराएं..." जब उनसे पूछा गया कि क्या ड्राइवर किसी भी तरह ट्रेन नहीं रोक सकता था. इस पर मंत्री ने कहा कि पटरी से 70 मीटर दूर कार्यक्रम हो रहा था, इसके अलावा वहां हलका मोड़ भी था, तो ड्राइवर को कैसे दिखाई देता?