पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार शाम हुए भयानक रेल हादसे के बाद मौके पर जानकारी लेने पहुंचे शिक्षा मंत्री ओपी सोनी को गुस्साई भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा. यहां तक की मंत्री सोनी को बचाने के लिए उनके गनमैन को हवाई फायरिंग तक करनी पड़ गई.
हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने घटनास्थल पर रेलवे की एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन को निशाना बनाते हुए हमला बोल दिया. लोगों ने इस रिलीफ ट्रेन के शीशे तोड़ दिए. ट्रेन में रेलवे के डॉक्टर और अफसर सवार थे. रेल अफसर को ट्रेन वहां से तत्काल वापस अमृतसर ले जानी पड़ी.
बता दें कि अमृतसर के चौड़ा बाजार के नजदीक हुए इस रेल हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई और 57 जख्मी हो गए. उस समय लोग पटरी के पास रावण दहन देख रहे थे. रावण दहन के दौरान पटाखों और आग की लपटों की वजह से लोग पीछे हटे, और कुछ लोग पहले से ही पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रेन लोगों को रौंदते हुए निकल गई.
सवाल का जवाब देने से सिद्धू का इनकार
कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पीड़ितों का हाल जानने गुरु नानक देव अस्पताल पहुंचे. हालांकि, उन्होंने घटना से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.
मौके पर पहुंचे अकाली दल नेता और पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि सिद्धू और उनकी पत्नी इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं.
वहीं, अमृतसर के पुलिस आयुक्त एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि घटना में मरने वालों की अभी सही-सही संख्या पता नहीं चल पाई है. लेकिन इसमें 50-60 से ज्यादा लोग मरे हैं.