अमृतसर ट्रेन हादसे को लेकर रार बढ़ता जा रहा है. राजनीतिक दलों के अलावा स्थानीय प्रशासन, रावण दहन कार्यक्रम के आयोजक और रेलवे ने एक-दूसरे के सिर आरोप मढ़ना शुरू कर दिया है. इस बीच, शनिवार को घटनास्थल का दौरा करने के बाद शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने इस घटना को नरसंहार करार दिया. घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा तक मांगा है.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह लापरवाही अक्षम्य है. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. यह जनसंहार है. वहीं रेलवे ने इस घटना में अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया है. बादल ने कहा, 'सबसे बड़ी गलती रावण दहन के आयोजनकर्ताओं की है. उन्होंने बड़ी गलती की है. मैंने वह सीडी सुनी है जिसमें कार्यक्रम के दौरान डॉ. नवजोत कौर सिद्धू बोल रही हैं कि देखो रेलवे लाइन पर 5 हजार लोग खड़े हैं और उन पर से 500 गाड़ियां गुजर जाए तो वे इसकी परवाह नहीं करते हैं. यह लापरवाही ही तो है.'
सुखबीर सिंह ने आजतक से बातचीत में कहा, 'लोगों में आयोजकों को लेकर नाराजगी है. स्थानीय प्रशासन कह रहा है कि कार्यक्रम के के लिए उससे इजाजत नहीं ली गई. पुलिस बोल रही है कि उससे कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं ली गई. इस कार्यक्रम में नवजोत कौर सिद्धू मौजूद थीं. इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्रिमंडल से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.'
Sukhbir Singh Badal, President of SAD reaches Joda pathak where the DMU train ran over people who were watching Dussehra celebrations in Choura Bazar yesterday. He says,"It is an unpardonable negligence. Strong action should be taken. It is a mass massacre."#AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/S2nzd6s3WI
— ANI (@ANI) October 20, 2018
रेलवे गलती मानने को तैयार नहीं
वहीं रेलवे ने इस घटना में अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया है.केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि इस दुर्घटना के लिए उनका मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के लिए प्रशासन और कार्यक्रम आयोजकों ने रेलवे को सूचित नहीं किया गया था.
शुक्रवार आधी रात घटनास्थल पहुंचे सिन्हा ने बताया, "वास्तव में कमिश्नर (अमृतसर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने इस स्थान पर दशहरा कार्यक्रम के लिए मंजूरी नहीं दी थी." सिन्हा ने कहा कि वह स्थान घटनास्थल से लगभग 70 मीटर की दूरी पर था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.
गौरतलब है कि शुक्रवार को रावण दहन देख रहे लोग तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए थे. 10 सेस 15 सेकेंड में ही क्षत-विक्षत शवों का ढेर लग गया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पटाखों के शोर में ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं दी.
पुलिस ने दी थी रावण दहन की मंजूरी
अमृतसर ट्रेन हादसे को लेकर जारी ब्लेम-गेम के बीच दो खत सामने आए हैं. एक खत में दशहरा कमेटी ने पुलिस को लिखकर कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत और सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है, जबकि दूसरे खत में पुलिस ने जवाब दिया है. पुलिस ने कहा है कि उसको इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर कोई आपत्ति नहीं है.