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अमृतसर रेल हादसा: DRM ने बताया, दुर्घटना के बाद ड्राइवर ने क्यों नहीं रोकी ट्रेन

डीआरएम ने कहा जिस रफ्तार से ट्रेन आ रही थी उसे रोकने के लिए 700 मीटर की दूरी चाहिए थी, लेकिन इससे पहले ही ट्रैक पर खड़े लोग चपेट में आ गए.

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फोटो- आजतक/मनोज सांगवान
फोटो- आजतक/मनोज सांगवान

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दशहरा पर रावण दहन देख रहे लोगों को ट्रेन रौंदती हुई चली गई. इसमें 60 लोगों की मौत हो गई. इस मामले पर फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार का कहना है ड्राइवर ने स्पीड कम की थी. इसके बावजूद कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए.

डीआरएम ने बताया कि जहां हादसा हुआ उससे पहले एक मोड़ है, ड्राइवर 91 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन लेकर आ रहा था, उसने जब लोगों को देखा तो रफ्तार कम करने की कोशिश की और 68 किमी प्रति घंटे तक ही ला पाया था कि हादसा हो गया. इस रफ्तार से चल रही ट्रेन को रोकने के लिए कम कम 700 मीटर की दूरी होनी चाहिए.   

यात्रियों की हिफाजत के लिए अमृतसर ले गया ट्रेन  

हादसे के बाद ट्रेन की रफ्तार 10 तक आ गई थी लेकिन लोग ट्रेन पर पथराव करने लगे। गार्ड ने ड्राइवर को बताया कि लोग आक्रोश में हैं और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन रोकना ठीक नहीं है। इसके बाद ड्राइवर ट्रेन लेकर अमृतसर पहुंच गया.  डीआरएम के मुताबिक ड्राइवर सुरक्षित है, और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वह हादसे के बाद नहीं रुका.  

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बजाया था हॉर्न

पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिद्दू के इस बयान पर कि ट्रेन में हॉर्न ही नहीं था, डीआरएम ने कहा कि ट्रेन में हॉर्न है और वह ठीक है. डीआरएम ने यह भी दावा किया ड्राइवर ने हॉर्न बजाया था.   

याद नहीं मुझे कब मिली जानकारी - डीआरएम

डीआरएम से जब पूछा गया कि उन्हें इसकी जानकारी कब मिली तो उनका कहना था कि उन्हें ठीक से याद नहीं है. वह यह भी नहीं बता पाए की किस टाइम पर हादसा हुआ.

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