केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब ने विधानसभा में बिल पास कर दिए हैं. ऐसा करने वाला पंजाब पहला राज्य बना है. अब राज्य सरकार द्वारा लाए गए बिल क्या केंद्र के कानून को राज्य में लागू होने से रोक पाएंगे, इसपर बहस छिड़ी है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर इन्हीं मसलों पर ट्विटर पर जंग छिड़ गई है. दोनों नेता लगातार ट्वीट के जरिए एक दूसरे को जवाब दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पंजाब में आमने सामने हैं, इसका ही असर सोशल मीडिया पर भी दिखा.
क्या कहा कैप्टन अमरिंदर ने?
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि बिल पास होने पर अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया उनके अज्ञानता को दिखाती है, मैं आपको दोष नहीं दे सकता क्योंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है. लेकिन, मैंने जो किसानों पर कहा उसपर कुछ बोलने से पहले आपको होमवर्क करना था. मुझे लगा आपको संविधान के बारे में पता होगा जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकारें केंद्र द्वारा पारित कानून में बदलाव कर सकती हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने लिखा कि मेरी सरकार से सवाल पूछने के बजाय आपको अपने पंजाब के नेताओं से कहना चाहिए कि वो किसानों के लिए हमारी लड़ाई का समर्थन करें. सभी के समर्थन के बिना बिल का क्या फायदा? क्या आप किसानों के साथ हैं या फिर खिलाफ हैं.
अरविंद केजरीवाल ने दिया ये जवाब
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट के जरिए पंजाब सीएम को जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि राजा साहब, आप खुद मान रहे हो कि राज्य सरकार केंद्र के कानून नहीं बदल सकती. केंद्र सरकार आपके संशोधन मानने वाली नहीं है. तो फिर आपने कल लड्डू किस बात के बांटे? किसानों को धोखा दिया? पहले आपने केंद्र की कमिटी में बैठकर तीनों किसान विरोधी बिल बनाकर धोखा दिया और अब ये दूसरा धोखा?
राजा साहिब, पंजाब के किसानों को धोखा मत दीजिए। अगर आप किसानों का असली भला चाहते हो तो एक MSP क़ानून पास करो कि केंद्र सरकार जितनी फसल MSP पे नहीं उठाएगी, वो फसल पंजाब सरकार MSP पे उठाएगी।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 21, 2020
अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा कि राजा साहब, पंजाब के किसानों को धोखा मत दीजिए. अगर आप किसानों का असली भला चाहते हो तो एक MSP कानून पास करो कि केंद्र सरकार जितनी फसल MSP पे नहीं उठाएगी, वो फसल पंजाब सरकार MSP पे उठाएगी.
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने विधानसभा में तीन बिलों को पारित कराया है, जो केंद्र द्वारा पारित कानूनों को लागू होने से रोकते हैं. इसमें कई नए संशोधन भी किए गए हैं, जैसे एमएसपी से कम फसल लेने के लिए अगर किसान पर दबाव बना तो जेल हो सकती है. आम आदमी पार्टी ने विधानसभा में इसको लेकर प्रदर्शन किया था कि राज्य सरकार ने बिल की कॉपी विपक्ष को नहीं दी. AAP के कई विधायक रातभर सदन में धरने पर बैठे थे.